तोरई की खेती का उपयुक्त समय जनबरी के बाद आता है। कद्दू वर्गीय किसी फसल को लगाने के लिए फरबरी में ही उपयुक्त तापमान आता है।
कुछ लोग लो-टनल में पौध तैयार करके उन्हें जनवरी के अंत या फरवरी के प्रारंभ में खेत में रोपते हैं।
सरपुतिया, पंजाब सदाबहार, पी के एम 1, कोयम्बूर 2 आदि अनेक किस्में हैं। इनसे 70 से 80 दिन में फल मिलने शुरू हो जाते हैं। उपज 200 से 250 कुंतल प्रति हैक्टेयर मिलती है।