जानिए धान की फसल में लगने वाले प्रमुख रोगों और उनकी रोकथाम के बारे में
धान का झोंका
धान का यह रोग पाइरिकुलेरिया ओराइजी नामक कवक द्वारा फैलता है।
जीवाणुज पर्ण झुलसा रोग यानी की
– ये मुख्य रूप से यह पत्तियों का रोग है। यह रोग कुल दो अवस्थाओं मे होता है, पर्ण झुलसा अवस्था एवं क्रेसेक अवस्था।
भारत के धान विकसित क्षेत्रों मे यह एक प्रमुख रोग बनकर सामने आया है। ये रोग राइजोक्टोनिया सोलेनाई नामक फफूँदी के कारण होता है, जिसे हम थेनेटीफोरस कुकुमेरिस के नाम से भी जानते है।
ये रोग फसल को नर्सरी से लेकर दाने बनने तक प्रभावित करता है। इस रोग के कारण पत्तियों पर गोलाकार भूरे रंग के धब्बें बन जाते है।