भेड़-बकरियों में होने वाले पीपीआर रोग की रोकथाम व उपचार इस प्रकार करें
PPR को ‘बकरियों में महामारी’ अथवा ‘बकरी प्लेग’ के रूप में भी जाना जाता है। इसी वजह से इसमें मृत्यु दर सामान्य तौर पर 50 से 80 प्रतिशत होती है
पीपीआर एक वायरल बीमारी है, जो पैरामाइक्सोवायरस (Paramyxovirus) की वजह से उत्पन्न होती है।
एक अध्ययन के अनुसार भारत में बकरी पालन क्षेत्र में पीपीआर रोग से साढ़े दस हजार करोड़ रुपये की हानि होती है।
पीपीआर रोग गर्भवती भेड़ और बकरियों में गर्भपात का कारण भी बन सकता है। अधिकांश मामलों में, बीमार भेड़ व बकरी संक्रमण के एक सप्ताह के भीतर खत्म हो जाते हैं।
पीपीआर की रोकथाम के लिए भेड़ व बकरियों का टीकाकरण ही एकमात्र प्रभावी तरीका है। वायरल रोग होने की वजह से पीपीआर का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है।
PPR के माध्यम से महामारी फैलने की स्थिति में तत्काल समीपवर्ती शासकीय पशु चिकित्सालय को सूचना प्रदान करें।