बकरी पालन और नवजात मेमने की देखभाल में रखे यह सावधानियां (goat rearing and newborn lamb care) in Hindi
किसान द्वारा पशुपालन की नस्लों को निम्नलिखित भागों में बांटा गया हैं। पूर्ण रूप से भारत में लगभग 21 मुख्य बकरियों की नस्लें पाई जाती है।
बकरियों की नस्ल में दुधारू नस्लें कुछ इस प्रकार की होती हैं जैसे: बरबरी ,बीटल ,सूरती, जखराना, जमुनापारी आदि।
बकरियों की प्रजनन क्षमता बहुत होती हैं ,यह सिर्फ करीबन डेढ़ साल की उम्र में ही बच्चा प्रजनन करने की क्षमता रखती है। 6 से 7 महीनों के अंदर उनका जन्म हो जाता है।
जब बकरियों के बच्चे छोटे होते हैं, तो उनको बहुत सावधानी के साथ रखना पड़ता है क्योंकि कुछ जंगली जानवर उनको नोच, दबाकर खा लेते हैं।
जब बकरियां प्रसव के करीब रहे, तो उनकी अच्छे से देखभाल करना आवश्यक होता है। किसान को उनके प्रसव के टाइम पर पूर्ण निगरानी रखनी चाहिए।
बकरियों के नवजात शिशु को कृमिनाशक दवाई पिलायें साथ ही साथ उनका टीकाकरण भी करें, तथा अपने पास के पशु चिकित्सा केंद्र भी जाते रहे।