मवेशियों और फसलों की आने वाले 15 दिनों में विशेष ध्यान रखने की जरूरत
भारत के विभिन्न राज्यों में गेहूं रबी मौसम की प्रमुख फसल है। ऐसे में गेहूं की आरंभिक फसल को शीतोष्ण वातावरण की आवश्यकता पड़ती है।
खरपतवारों के पौधे 2-3 पत्तों की अवस्था, बिजाई के 35 से 40 दिनों पश्चात में हो तो इस समय गेहूं में खरपतवार नाशक रसायनों का छिड़काव जरूर करें।
पशुओं में शर्दियों के मौसम में होने वाले रोगों की और प्रबंधन से जुड़े काम को पशुपालक सुनिश्चित करें।
घातक संक्रामक रोग जैसे पी. पी. आर. इस समय सिरमौर जनपद में सम्भावित भेड़ एवं बकरी पॉक्स, इस समय किन्नौर जनपद में संभावित गलघोंटू रोग, शिमला में खुरपका एवं मुंहपका रोग होते हैं।
अगर पशुपालक मवेशियों में बीमारी के किसी भी लक्षण जैसे कि भूख न लगना अथवा कम होना, तीव्र बुखार की हालत में शीघ्र पशु चिकित्सक की सलाह लें।
कृषि वैज्ञानिकों की तरफ से जारी की गई सलाह में फसल उत्पादन, मसर, सब्जी उत्पादन, फसल संरक्षण और पशुधन इत्यादि के विषय में बताया गया है।