गन्ने की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु उपयुक्त होती है। इसके लिए पर्याप्त धूप और 20 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान अच्छा माना जाता है।
गन्ने की अच्छी पैदावार के लिए जल निकास वाली दोमट या बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
खेत की अच्छी तैयारी गन्ने की अच्छी पैदावार के लिए महत्वपूर्ण है। खेत की 2-3 बार जुताई करके मिट्टी को भुरभुरी बना लेनी चाहिए। साथ ही खेत में खरपतवार साफ कर लेनी चाहिए।
गन्ने की खेती बीज (आंख) से की जाती है। गन्ने के तने के ऊपरी गांठों को काटकर बीज के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इन बीजों (आंखों) को कतारों में 60-75 सेमी की दूरी पर बोया जाता है।
गन्ने की फसल को संतुलित मात्रा में खाद और उर्वरकों की आवश्यकता होती है। बुवाई से पहले खेत में अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद डालनी चाहिए। इसके अलावा, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश उर्वरकों का भी इस्तेमाल किया जाता है।
गन्ने की फसल को नियमित रूप से सिंचाई की आवश्यकता होती है। गर्मी के मौसम में हफ्ते में 2-3 बार सिंचाई करनी चाहिए। सिंचाई करते समय जलभराव से बचना चाहिए।