कई बार किसानों को अपने उत्पादों का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है. बिचौलियों की भूमिका और बाजार तक सीधी पहुंच न होने के कारण उन्हें कम दाम में फसल बेचनी पड़ती है.
अनियमित वर्षा, बाढ़, सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाएं अब आम हो गई हैं. जलवायु परिवर्तन का सीधा असर कृषि उत्पादन पर पड़ता है
सिंचाई के लिए पानी की कमी एक प्रमुख समस्या है. भूजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है और वर्षा ऋतु में भी पर्याप्त बारिश न होने से खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता है.
फसलों को कीड़ों से बचाने के लिए अक्सर किसान अत्यधिक मात्रा में कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं. इससे मिट्टी की उर्वरता कम होती है और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है.
कई किसान अभी भी पारंपरिक खेती के तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. नई सिंचाई तकनीक, उन्नत बीजों और जैविक खेती जैसे आधुनिक तरीकों को अपनाने से ना सिर्फ उत्पादन बढ़ता है बल्कि लागत भी कम होती है