इलायची की खेती के लिए दोमट मिट्टी वाले घने और छायादार स्थानों काफी उपयुक्त हैं। 600 से 1500 मीटर की ऊंचाई पर इसकी फसल की खेती आसनी से की जा सकती है।
इलायची की खेती के लिए मिट्टी और जलवायु की आवश्यकता
इलायची की बुवाई पुराने पौधों के सकर्स या बीजों का उपयोग करके किया जाता है। इलायची की बुवाई करने के लिए स्वस्थ और अधिक उपज देने वाले पौधों से बीज एकत्र करें।
इलायची की बुवाई का तरीका?
बीज क्यारियों को मल्चिंग और छायां प्रदान करनी जरुरी होती है। क्यारियों को नम रखना चाहिए लेकिन क्यारियों बहुत गीला नहीं होना चाहिए।
इलायची की पौध उगाना का तरीका
दूसरी नर्सरी का निर्माण करते समय ये ध्यान रखे की जिस जगह आप नर्सरी का निर्माण कर रहे है उस जगह क्यारियों के ऊपर छाया अवशय होनी जरुरी है।
दूसरी नर्सरी का निर्माण
इलायची की पौध की रोपाई के लिए 60 सेंमी x 60 सेंमी x 60 सेंमी आकार के गड्ढे खोदकर खाद और ऊपरी मिट्टी से भर दें। ढालू क्षेत्रों में कंटूर प्लांटिंग की जा सकती है। ये विधि 18-22 महीने पुराने पौधों की रोपाई के लिए उपयोग किया जाता है।
इलायची को कैसे बोया जाता है?
इलायची के पौधे आमतौर पर रोपण के दो साल बाद फल देने लगते हैं। अधिकांश क्षेत्रों में कटाई की चरम अवधि अक्टूबर-नवंबर के दौरान होती है।
इलायची का पेड़ कितने साल में फल देता है?
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