अरहर की खेती भारत में एक महत्वपूर्ण खेती है और यह फसल अनेक क्षेत्रों में उगाई जाती है। अरहर खरीफ की प्रमुख फसल है, इसकी खेती ज्यादतर इसी मौसम में की जाती है।
अरहर भारत की एक महत्वपूर्ण दलहनी फसल है। इसे अरहर, TUR, और Red gram के नाम से भी जाना जाता है।
अरहर की खेती के लिए गर्म तथा आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है। इसके लिए मौसम (जून से अक्टूबर) और बरसात के बाद (नवंबर से मार्च) के मौसम में 17 डिग्री C से 22 डिग्री C तापमान की आवश्यकता होती है।
अरहर की खेती करने के लिए सबसे पहले भूमि की अच्छे से जुताई आवश्य कर ले।
अरहर की फसल में खरपतवार के लिए पहले 60 दिन महत्वपूर्ण और घातक हैं। दो यांत्रिक निराई होती है: पहली 20 से 25 दिन पर और दूसरी 45 से 50 दिन बाद लेकिन फूल आने से पहले।
– फसल पकने से पहले कटाई करने से आमतौर पर कम पैदावार होती है, जिसका अनुपात अधिक होता है। – अरहर की कटाई में देरी से फलियाँ टूट जाती हैं और अधिक नुकसान होता है।