खेती चाहे सफ़ेद बैंगन की हो या बेंगनी बैंगन की दोनों ही किसानों के लिए फायदेमंद हो सकती है। सफ़ेद बैंगन की खेती ज्यादातर मार्च और अप्रैल माह में की जाती है।
बैंगन की बुवाई के बाद खेत में हल्की सिंचाई करे। वैसे सफ़ेद बैंगन की खेती में ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है।
यह कीट पौधे की पत्तियों , फूलों और फल को काफी नुक्सान पहुंचाता है। इस कीट के प्रकोप से पौधा मुरझा जाता है और धीरे धीरे सूखना शुरू कर देता है।
फल छेदक कीट
यह कीट हल्के पीले रंग के होते है जो पौधे के कोमल हिस्सों को काफी नुकान पहुंचाता है। यह पौधे के कोमल भागो जैसे पत्तियां और फूलों जैसे हिस्सों को खा जाते है।
पत्ती खाने वाली बीटल
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