खेती करने वाले किसान 3 साल में जरूर कराएं मिट्टी की जांच, जानें सैंपल भेजने का तरीका
मिट्टी की गुणवत्ता फसल उत्पादन का मुख्य आधार है।
हर 3 साल में मिट्टी की जांच
जरूरी है ताकि पोषक तत्वों की सही जानकारी मिल सके।
– मिट्टी की उर्वरता का पता चलता है।
– कौन-कौन से पोषक तत्व कम हैं, यह जान सकते हैं।
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फसल कटाई के बाद:
मिट्टी आराम की स्थिति में होती है।
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सिंचाई से पहले:
गीली मिट्टी का सैंपल न लें।
– खेत के अलग-अलग हिस्सों से मिट्टी लें।
– वह स्थान न चुनें जहां खाद, गोबर या अन्य रसायन हाल ही में डाला गया हो।
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गहराई:
6-8 इंच की गहराई से मिट्टी निकालें।
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उपकरण:
साफ कुदाल या फावड़ा इस्तेमाल करें।
– फसल की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार।
– खाद और उर्वरकों पर खर्च में कमी।
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