अर्जुन का पेड़ लंबा और घना होता है।– इसकी ऊंचाई 60-80 फीट तक हो सकती है।– इसकी छाल चिकनी और हल्की सफेद रंग की होती है।
अर्जुन की छाल का आयुर्वेद में विशेष महत्व है।– यह हृदय रोगों के उपचार में बहुत उपयोगी मानी जाती है।– छाल का चूर्ण या काढ़ा रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
अर्जुन की छाल का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है:– अर्जुन की छाल का पाउडर बना कर एक गिलास पानी में उबाल कर काढ़ा तैयार करें।– इसे सुबह खाली पेट या सोने से पहले पीने से हृदय को लाभ मिलता है।
अर्जुन के पेड़ की पत्तियां और फल भी औषधीय गुणों से भरपूर हैं।– पत्तियों का रस त्वचा रोगों में लाभकारी है।– अर्जुन के फल पेट के रोगों को ठीक करने में मदद करते हैं।
अर्जुन का पेड़ हृदय रोगों के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है।– यह रक्त प्रवाह में सुधार करता है और धमनियों को मजबूत बनाता है।– दिल की धड़कन को नियमित करने में मदद करता है।
अर्जुन का पेड़ न केवल स्वास्थ्य के लिए बल्कि पर्यावरण के लिए भी महत्वपूर्ण है।– यह मिट्टी की कटाव रोकने में मदद करता है।– इसके पत्ते नदियों और जलस्रोतों की सफाई में सहायक होते हैं।