मोटे अनाजों में ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू शामिल हैं, जो मुख्य रूप से सर्दियों में खाए जाते हैं क्योंकि उनकी तासीर गर्म होती है।
चीना दुनिया की प्राचीनतम अनाज फसलों में से एक है और इसे विभिन्न देशों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे कि झाड़ू मकई बाजरा, हॉग बाजरा, प्रोसो बाजरा आदि।
चीना (प्रोसो मिलेट) एक गर्म जलवायु की फसल है, जिसे दुनिया के ऊष्ण क्षेत्रों में व्यापक रूप से उगाया जाता है।
चीना को विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है, चाहे वह उपजाऊ हो या कम उपजाऊ।
स्वस्थ एवं रोग-मुक्त बीज का उपयोग करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। बीजों को बुवाई से पहले एग्रोसन जी.एन. या सेरेसन (2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज) से उपचारित करना लाभकारी होता है।
– खरीफ मौसम में बोई गई चेना की फसल को सामान्यतः सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती।
– फसल 65-75 दिनों में परिपक्व हो जाती है और कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
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