कपास एक प्रमुख रेशा फसल है। कपास सफेद सोने के नाम से मशहूर है। इसके अंदर नैचुरल फाइबर विघमान रहता है, जिसके सहयोग से कपड़े बनाए जाते हैं।
कपास की खेती भारत के उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है।
आमतौर पर कपास की बुवाई वर्षाकाल में मानसून आने के वक्त की जाती है। परंतु, अगर आपके पास सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं है, तो आप मई माह में कपास की बुवाई की जा सकती है।
कपास की उन्नत किस्मों से बंपर उपज पाने के लिए प्रति हेक्टेयर सल्फर 25 किलोग्राम, नाइट्रोजन 80-120 किलोग्राम, फास्फोरस 40-60 किलोग्राम और पोटाश 20-30 किलोग्राम देना उचित रहता है।
कपास की फसल के लिए यदि कोई सबसे बड़ा दुश्मन कीट है, तो वह गुलाबी सुंडी है। जो अपनी पूरी जिंदगी इसके पौधे पर बिताता है।
सफेद मक्खी कीट प्रबंधन के लिए कोरोमंडल का फिनियो कीटनाशक का उपयोग करें।
हर तरह की मिट्टी में उत्पादित होने वाले सफेद चंदन की खेती से बनें अमीर