फसल विविधीकरण के जरिए एक समय पर विभिन्न प्रकार की खेती की जा सकती है
भारत के विभिन्न राज्यों में पानी, श्रम एवं मृदा की गुणवत्ता के आधार पर किसान एक ही खेत में भिन्न-भिन्न फसलों की खेती कर फसलों का उत्पादन कर रहे है।
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फसल विविधीकरण का इस्तेमाल ज्यादातर खरीफ के मौसम में किया जाता है।
मिश्रित कृषि में एक खेत में एक समय में दो से तीन फसलों को अलग-अलग एक ही साथ में उगाया जाता है। इससे खेत की उत्पादन क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है।
फसल विविधीकरण से खेती के क्षेत्र में कीड़े, बीमारियां, खरपतवार और मौसम संबंधी समस्याओं की कमी आती है।
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