पश्चिम बंगाल को भारत का जूट का गढ़ कहा जाता है, जो देश के कुल उत्पादन का लगभग 70% का उत्पादन करता है। गंगा डेल्टा की उपजाऊ मिट्टी और मानसून का आशीर्वाद इस राज्य को सुनहरे फाइबर की खेती के लिए आदर्श बनाता है।
असम: पूर्वोत्तर का सुनहरा धागा
असम भारत का दूसरा सबसे बड़ा जूट उत्पादक राज्य है। ब्रह्मपुत्र नदी की घाटी की समृद्ध मिट्टी असम में जूट की खेती को फलने-फूलने का माहौल देती है।
अरुणाचल प्रदेश: पहाड़ों का छिपा हुआ खजाना
अरुणाचल प्रदेश में जूट उत्पादन अपेक्षाकृत कम है, लेकिन यह तेजी से बढ़ रहा है। राज्य सरकार ने जूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं, और यह फसल राज्य के किसानों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन रही है।
ओडिशा और बिहार: जूट की पगडंडी का विस्तार
ओडिशा और बिहार भी भारत में महत्वपूर्ण जूट उत्पादक राज्य हैं। इन राज्यों में जूट उत्पादन हाल के वर्षों में बढ़ा है, और भविष्य में और वृद्धि की उम्मीद है।
जूट: भारत की संस्कृति का सुनहरा धागा
जूट सिर्फ एक फसल नहीं है, बल्कि भारत की संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। इसकी मजबूत तंतुओं का उपयोग बोरियों, बैगों, और यहां तक कि घरों के निर्माण के लिए किया जाता है।