अलनीनों का खतरा होने के बावजूद भी चावल की बुवाई का रकबा बढ़ता जा रहा है
भारत सरकार ने चावल के बढ़ते भावों पर नियंत्रण पाने के लिए सभी प्रकार के गैर- बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
किसान सामान्यतः 1 जून से सोयाबीन, गन्ना, मूंगफली, चावल, मक्का, कपास सहित अन्य फसलों की रोपाई और बिजाई आरंभ करते हैं
जुलाई महीने में अलनीनो की स्थिति मजबूत हो सकती है, जिससे बरसात में बहुत कमी होगी। परंतु, ऐसा नहीं हुआ जुलाई महीने में विभिन्न राज्यों में आवश्यकता से अधिक बारिश हुई।
भारत में अब तक 23.7 मिलियन हेक्टेयर में धान की बिजाई की गई है, जो कि इसी अवधि में विगत वर्ष के तुलनात्मक 1.71% ज्यादा है।