मेथी की खेती - एक समृद्धि का स्रोत

मेथी (Fenugreek) एक लोकप्रिय हर्ब है, जिसका उपयोग भारतीय खाने में और औषधीय उपयोगों के लिए किया जाता है।

मेथी का पौधा एक सालाना फसल है। – इसकी ऊंचाई 12-24 इंच तक हो सकती है। – इसके पत्ते तिरछे और नीले-हरे रंग के होते हैं।

मेथी की खेती के लिए कुछ महत्वपूर्ण आवश्यकताएँ होती हैं: – मिट्टी: अच्छी जल निकासी वाली उपजाऊ मिट्टी सबसे अच्छी होती है। – जलवायु: मेथी की खेती के लिए ठंडी जलवायु सर्वोत्तम मानी जाती है। – खाद: फसल के लिए गोबर की खाद या कम्पोस्ट का उपयोग करना चाहिए।

मेथी की बुवाई सरल है। 1. पहले खेत की अच्छी तैयारी करें और मिट्टी को भुरभुरा बनाएं। 2. मेथी के बीजों को 1-2 इंच की गहराई में बोएं। 3. बुवाई के बाद खेत में हल्की सिंचाई करें।

मेथी के पौधों का उपयोग कई तरह से किया जा सकता है: – खाना: मेथी के पत्ते और बीज दोनों का उपयोग सब्जी, दाल, और पराठे बनाने में किया जाता है। – स्वास्थ्य: मेथी में कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, जैसे कि पाचन में सुधार, कोलेस्ट्रॉल को कम करना और वजन घटाने में मदद करना।

मेथी की कटाई का समय बहुत महत्वपूर्ण है। – जब पौधों की ऊँचाई 12-18 इंच हो जाती है, तब इन्हें काटा जा सकता है। – कटाई के बाद, मेथी के पत्तों को अच्छी तरह से धोकर सुखाएं।

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