राजमा की खेती की पूरी जानकारी के लिए यहां देखें
राजमा की खेती एक प्रमुख दलहनी फसल के रूप में की जाती हैं। भारत में राजमा की खेती बड़े पैमाने पर की जाती हैं।
उत्तरी भारत के मदनी भोगों में रबी के मौसम के दौरान इसकी बुवाई का रकबा बढ़ रहा हैं।
भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में राजमा की खेती ख़रीफ़ के मौसम में की जाती हैं। निचले पहाड़ी क्षेत्रों में इसे वसंत फ़सल के रूप में भी बोया जाता है।
राजमा की खेती के लिए हल्की दोमट रेत से लेकर भारी चिकनी मिट्टी उपयुक्त मानी जाती हैं।
राजमा एक दलहनी फसल हैं परन्तु जैविक नाइट्रोजन स्थिरीकरण में समर्थ नहीं हैं। इसलिए इसको नाइट्रोजन की अधिक मात्रा की आवश्यकता होती हैं।
राजमा की फसल बुवाई से 125-130 दिनों में पक जाती है। पूर्ण परिपक्वता प्राप्त करने के बाद पौधों को दरांती से काटा जाता है।
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