तुलसी की खेती : अच्छी आय और आवारा पशुओं से मुक्ति
तुलसी के औषधीय गुण बगैर रसायन वाली खेती में ज्यादा आते हैं। इसकी लागत बेहद कम आती है और छुट्टा पशु भी इसे नुकसान नहीं पहुंचा पाते।
तुलसी करीब पांच-सात प्रकार की होती है। आम तौरपर लोग रामा एवं श्यामा तुलसी के विषय में ही जानते हैं।
अप्रैल मई में इसकी पोघ डाली जाती है जो 10 से 15 दिन में तैयार हो जाती है। तुलसी की खेती के लिए किसी भी तरह का रासायानिक खाद प्रयोग में न लाएं।
तुलसी का बीज यानी मंजरी 30 से 40 हजार रुपए कुंतल तक बिकत है। इसके अलावा पत्ते थोक में भी 15 से 20 रुपए किलो बिकते हैं।
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