आज के समय में जलवायु परिवर्तन टिकाऊ फसल उत्पादन के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बन गया है।
विशेष रूप से कैक्टस नाशपाती या कांटेदार नाशपाती (ओपंटिया फिकस-इंडिका (एल)) की डिमांड अधिक हो रही है।
कैक्टस की खेती के लिए आदर्श परिस्थितियाँ धूप वाली गर्म ग्रीष्मकाल और ठंडी शुष्क सर्दियाँ होती हैं।
कैक्टस को जुलाई-सितंबर और फरवरी-अप्रैल के दौरान खेत में लगाया जा सकता है। लेकिन हरे रंग मेंघर में इसे साल भर लगाया जा सकता है।
कैक्टस के पौधों में रोपण के तुरंत बाद सिंचाई नहीं की जाती है। हल्के पानी से सिंचाई रोपण के 2-3 दिन बाद करनी चाहिए तथा उसके बाद 10-15 दिनों का अंतराल पर एक वर्ष तक सिंचाई करनी चाहिए।
कटाई मुख्य रूप से उस उद्देश्य पर निर्भर करती है जिसके लिए कैक्टस की खेती की जाती है।
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