मूंग एक महत्वपूर्ण दलहनी फसल है, जिसे ग्रीष्म (जायद) और खरीफ दोनों मौसमों में उगाया जा सकता है। यह अल्प अवधि में पकने वाली फसल है, जो किसानों के लिए लाभदायक होती है।
मूंग की खेती सिंचित और असिंचित दोनों क्षेत्रों में सफलतापूर्वक की जा सकती है। इसके लिए अच्छी जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है।
– गर्मी के मौसम में: मूंग की बुवाई के लिए 8 किग्रा बीज प्रति एकड़ की आवश्यकता होती है। कतारों की दूरी 20-25 सेमी रखनी चाहिए।
खेत की गहरी जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए, जिससे मिट्टी की संरचना दुरुस्त हो जाए।
खरीफ मौसम में: मूंग की फसल को सिंचाई की अधिक आवश्यकता नहीं होती। हालांकि, अत्यधिक वर्षा के दौरान खेत में जलभराव न होने देना बेहद आवश्यक है.
– मूंग की औसत उपज 4-5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।– यदि उन्नत तकनीकों और अच्छी देखभाल के साथ खेती की जाए, तो उत्पादन 7-8 क्विंटल प्रति एकड़ तक हो सकता है।