Papaya Farming -  पपीते की खेती कैसे की जाती है?

। सन् 1575 में, डच यात्री लिन्सकाटेन ने पपीता के पौधे को वेस्टइंडीज से मलेशिया लाया और फिर वहां से भारत लाया।

पपीता एक उष्णकटिबंधीय जलवायु वाली फसल है, इसकी खेती सफलतापूर्वक 10 से 26 डिग्री सेल्सियस तक हो सकती है और पाले की कोई संभावना नहीं होती है।

1 हेक्टेयर में पपीते के लिए आवश्यक पौधों की मात्रा बनाने के लिए 500 ग्राम परंपरागत किस्मों का बीज और 300 ग्राम उन्नत किस्मों का बीज की आवश्यकता होती है।

पपीता के पौधो की अच्छी वृद्धि तथा अच्छी गुणवत्तायुक्त फलोत्पादन हेतु मिटटी में सही नमी स्तर बनाए रखना बहुत जरूरी होता है।

पपीते के कच्चे फलों से पेपन निकाला जाता है | 90 से 100 दिन तक पपेन के लिए कच्चे फलों का चुनाव करें | चुने हुए फलों से सुबह 3 मिमी गहराई के 3-4 चीरे गोलाई आकार में गोलाई करें।

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