टमाटर की फसल में लगने वाले प्रमुख रोगों का नियंत्रण कैसे करे

टमाटर की फसल विशेष रूप से भारतीय खाद्य संस्कृति में महत्वपूर्ण है और यह एक प्रमुख सब्जी है जो विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में उपयोग किया जाता है।

टमाटर की फसल कई रोगों से प्रभावित होती है। टमाटर के सफल उत्पादन के लिए जरुरी है कि उसमे लगने वाले रोगों के बारे में सटीक जानकारी हो ताकि उनका सही तरिके से उपचार करके टमाटर का उत्पादन बढ़ाया जा सके।

इस रोग का प्रमुख करक पाइथियम एफैनिडर्मेटम नामक जीवाणु है।Damping off रोग के लक्षण दो चरणों में होता है।

आद्र्रगलन या कमरतोड़ रोग  Damping off

पौधशाला में रोग के को नियंत्रित करने के लिए फोर्मलिन से बुवाई के 15 से 20 दिनों पहले उपचारित करे तहत जब पॉलीथिन की चादरों से ढककर रखें।

आद्र्रगलन या कमरतोड़ रोग की रोकथाम के उपाय

लीफ कर्ल रोग की विशेषता पौधों का गंभीर विकास रुक जाना और नीचे की ओर लुढ़क जाना है। इस रोग के लक्षण पत्तों का सिकुड़ना नई उभरती पत्तियाँ बाद में हल्के पीले रंग की दिखाई देना हैं, वे कर्लिंग लक्षण भी दिखाते हैं।

लीफ कर्ल रोग

ये रोग सफेद मक्खी के द्वारा फैलाया जाता है इसलिए सफेद मक्खी की निगरानी के लिए 12/हेक्टेयर की दर से पीला चिपचिपा जाल रखें।

लीफ कर्ल रोग का रोकथाम

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