अखरोट की खेती कैसे करें? उन्नत किस्में, उत्पादन और लाभ
अखरोट उत्तरी गोलार्ध के शीतोष्ण क्षेत्रों में पाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण फल फसल है। हिमालयी क्षेत्र में इसके वाणिज्यिक उत्पादन की संभावनाएं बहुत अधिक हैं।
अखरोट के पौधे को अच्छे परिणाम देने के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है, जिसका pH स्तर 6-7 होना चाहिए।
अखरोट के पौधों को दिसंबर से फरवरी तक रोपना सर्वोत्तम रहता है। पौधों को 8-10 मीटर की दूरी पर लगाना चाहिए ताकि वे पर्याप्त सूरज की रोशनी और वायु का लाभ उठा सकें।
अखरोट के पौधों को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन शुरुआत में नियमित सिंचाई आवश्यक होती है।
अखरोट की कटाई सामान्यतः सितंबर से अक्टूबर के बीच की जाती है, जब फल पूरी तरह से पक चुके होते हैं।
अखरोट की खेती में कीटों और रोगों से बचाव अत्यंत महत्वपूर्ण है। ब्लाइट (बैक्टीरियल रोग) और नट बोअर (कीट) जैसे समस्याओं का समय पर इलाज आवश्यक होता है।
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