सफ़ेद मूसली की खेती के बारे में सम्पूर्ण जानकारी, इसकी खेती से किसानों को होगा अच्छा लाभ
सफ़ेद मूसली, जिसे अंग्रेजी में "White Musli" या "Safed Musli" कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है जो मुख्य रूप से भारत में उगाया जाता है।
सफ़ेद मूसली (Safed Musli), जिसका वैज्ञानिक नाम Chlorophytum borivilianum है, एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है.
सफ़ेद मुलसी की बुआई जून-जुलाई माह के 1-2 सप्ताह में की जाती है, जिसका कारण इन महीनों में प्राकृतिक वर्षा होती है अत: सिंचाई की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
सफ़ेद मुलसी की खेती के लिए जमीन को 2 -3 बार 30 - 40 सेंटीमीटर तक जोत लेना चाहिए।
सफ़ेद मुलसी के रोपण के लिए जून का प्रथम सप्ताह अच्छा माना जाता है या अगर हल्की वर्षा हो जाती है तो उस समय भी इसकी बुवाई कर लेनी चाहिए।
नवंबर माह में इसकी फसल तैयार हो जाती है। नवंबर में इसकी खुदाई की जाती है, प्रत्येक पौधे में लगभग 10 से 12 कंद प्राप्त होते है।