जानिए हरा सोना यानी कि बांस की उपयोगिता के बारे में
जैसा कि हम सब जानते हैं, कि बांस एक बहुउपयोगी पौधा है। इस वजह से ही इसे ग्रीन गोल्ड कहा जाता है। बांस का इस्तेमाल भवन निर्माण से लेकर खानपान एवं कुटीर उद्योग में बहुतायत से किया जाता है।
बांस को किसानों का एटीएम क्यों कहा जाता है ?
बांस को किसानों का ATM कहा जाता है। इसका इस्तेमाल कई सारी चीजों में होने की वजह से बांस को बेचने में कोई दिक्कत नहीं रहती है। खरीदार अथवा व्यापारी स्वयं, खेतों से बांस काटकर ले जाते हैं। ना बाजार का कोई झंझट, ना दाम की कोई चिकचिक।
बांस की शानदार किस्में इस प्रकार हैं
राष्ट्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान केंद्र झांसी के मुताबिक भारत में सामान्यतः बांस की 23 वंश की 58 किस्में पाई जाती हैं। यह प्रजातियां पूर्वी और पश्चिमी इलाकों में हैं।
बांस की खेती से कम लागत में लाखों का मुनाफा
प्रत्येक चार वर्ष उपरांत बांस के बगीचे तैयार हो जाते हैं। तब आप बांस की कटाई कर सकते हैं। चार वर्ष पर एक एकड़ से 15 से 20 लाख आमदनी ले सकते हैं अथवा मेड़ पर लगाकर प्रति वर्ष 20 हजार तक की आमदनी ले सकते हैं।
इस राज्य में फसल पर ड्रोन से छिड़काव व निगरानी बिल्कुल मुफ्त में की जाएगी