पुदीना एक लाभदायक फसल है जो किसानों को अच्छी आय प्रदान कर सकती है। इसकी मांग पूरे साल बनी रहती है, जिससे किसानों को नियमित आय होती है।
पुदीना की खेती में कम लागत आती है। इसकी खेती के लिए कम पानी और उर्वरक की आवश्यकता होती है।
पुदीना एक तेजी से बढ़ने वाली फसल है और यह प्रति वर्ष कई बार कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
पुदीना को गर्म और आर्द्र जलवायु पसंद है।
पुदीना को अच्छी जल निकासी वाली, दोमट या बलुई दोमट मिट्टी पसंद है।
पुदीने की बुवाई बीज या कलमों द्वारा की जा सकती है।
पुदीने को नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है, खासकर गर्मियों के महीनों में।
पुदीने को अच्छी वृद्धि के लिए संतुलित मात्रा में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम की आवश्यकता होती है।
पुदीने की फसल को कुछ रोगों और कीटों से प्रभावित हो सकती है, जिनका उचित प्रबंधन करना आवश्यक है।
पुदीने की पत्तियों को फूल आने से पहले काटा जाना चाहिए।
ताज़ी मंडियां: पुदीने की सबसे अधिक मांग ताज़ी मंडियों में होती है।