विदेशी बकरियों की बेहतरीन नस्लें: दूध उत्पादन और ऊन के लिए सबसे लाभकारी नस्लें

टोगेनबर्ग नस्ल की बकरी

यह नस्ल स्विट्जरलैंड के टोगेनबर्ग घाटी से आती है। टोगेनबर्ग बकरियों का शरीर मजबूत और त्वचा नरम व लचीली होती है, साथ ही इनके सींग नहीं होते हैं। इनकी औसत दूध उत्पादन क्षमता 5.5 किलोग्राम प्रति दिन है, और इनका दूध मक्खन वसा से भरपूर होता है।

सैनेन नस्ल की बकरी

स्विट्जरलैंड की सैनेन घाटी से निकली सैनेन बकरियाँ उच्च दूध उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं। इनका रंग सफेद या हल्का क्रीम होता है। इन बकरियों का औसत दूध उत्पादन 2-5 किलोग्राम प्रति दिन होता है, जिसमें वसा की मात्रा 3-5% होती है।

अल्पाइन बकरी

अल्पाइन नस्ल, जिसे फ्रेंच, स्विस और रॉक अल्पाइन के नाम से भी जाना जाता है, एक दुग्ध उत्पादक नस्ल है। इन बकरियों का औसत दूध उत्पादन 2-3 किलोग्राम प्रति दिन होता है, जिसमें दूध की वसा 3-4% होती है। ये बकरियाँ विभिन्न रंगों में पाई जाती हैं।

न्युबियन बकरी

न्युबियन बकरियाँ उत्तर-पूर्वी अफ्रीका के नूबिया क्षेत्र से हैं, जिन्हें लंबी टांगों और मजबूत शरीर के लिए जाना जाता है। इनका क्रॉस ब्रिटेन की देशी नस्लों और भारत की जमुनापारी बकरियों से हुआ है। इनकी दूध उत्पादन क्षमता उच्च है, औसतन 3-4 किलोग्राम दूध प्रति दिन।

अंगोरा बकरी

अंगोरा बकरियाँ तुर्की की नस्ल हैं, जो उच्च गुणवत्ता वाली ऊन देती हैं। इनका आकार छोटा है और ऊन फाइबर उद्योग में उपयोगी है। समय पर न काटने पर गर्मियों में ऊन स्वाभाविक रूप से गिर जाती है।