मूंगफली की फसल को सर्वाधिक प्रभावित करने वाले कीट व रोगों की इस प्रकार रोकथाम करें
मूंगफली की खेती के लिए समुचित जल निकास वाली भुरभुरी दोमट और बलुई दोमट मिट्टी उत्तम होती है।
मध्य प्रदेश कृषि विभाग के मुताबिक, सफेद लट की समस्या वाले क्षेत्रों में बुवाई से पहले फोरेट 10जी या कार्बोफ्यूरान 3जी 20-25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में डालें।
मूंगफली की फसल में प्रमुख रूप से टिक्का, कॉलर एवं तना गलन व रोजेट रोग का प्रकोप होता है।
मूंगफली भारत की मुख्य तिलहनी फसलों में से एक है। इसकी सबसे ज्यादा खेती तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात और आंध्र प्रदेश में होती है।