तेज गर्मी और नमी की वजह से कीटों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे फसलें जल्दी खराब होती हैं।
ग्रीष्मकालीन फसलों में तना छेदक, सफेद मक्खी, माहू और थ्रिप्स जैसे कीट मुख्य रूप से फसल को नुकसान पहुँचाते हैं।
नीम का तेल, गौमूत्र घोल और फसल चक्र जैसी विधियाँ प्राकृतिक कीट नियंत्रण में सहायक होती हैं।
बेसिलस थुरिनजिनसिस (BT) और ट्राइकोडर्मा जैसे जैविक उत्पाद फसलों को सुरक्षित रखते हैं।
समय और मात्रा के अनुसार ही रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करें, अन्यथा फसल को नुकसान हो सकता है।