वर्तमान में उत्तरी भारत में पालक के लगभग सभी किसानों के द्वारा हाइब्रिड यानी कि संकर बीज का इस्तेमाल किया जाता है।
इस फसल की खास बात यह है कि इससे बहुत ही कम जगह में अधिक पैदावार की जा सकती है