गूलर का फूल भारतीय संस्कृति और लोककथाओं में एक रहस्यमयी और पौराणिक पौधा माना जाता है।
गूलर का पेड़ भारत के विभिन्न हिस्सों में पाया जाता है।– इसे 'अंजीर परिवार' का हिस्सा माना जाता है।– इसके फल गोल होते हैं और अंदर बीज भरे होते हैं।
गूलर का फूल एक रहस्यमयी तत्व है।– इसे देखने की कहानियां बहुत ही कम सुनने को मिलती हैं।– माना जाता है कि गूलर का फूल रात के समय खिलता है।
गूलर का फूल हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है।– इसे शिव जी के प्रिय फूलों में से एक माना जाता है।– कई मान्यताओं के अनुसार, इसे देखने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
गूलर का पौधा केवल रहस्यमयी नहीं बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर भी है।– इसके फलों का उपयोग आयुर्वेद में किया जाता है।– यह मधुमेह, पाचन संबंधी समस्याओं और त्वचा रोगों के इलाज में लाभकारी है।
गूलर के फूल को लेकर कई लोककथाएं प्रचलित हैं।– कहा जाता है कि जो व्यक्ति गूलर के फूल को देख लेता है, उसकी किस्मत चमक जाती है।– कुछ लोग इसे अलौकिक शक्तियों का प्रतीक मानते हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो:– गूलर के पेड़ में असल में फूल बाहर नहीं दिखते, बल्कि फल के अंदर छिपे होते हैं।– इसे 'इनफ्लोरेसेंस' कहा जाता है, जो फल के अंदर ही विकसित होता है।