कृषि वैज्ञानिकों ने जैव उर्वरक (बायोफर्टिलाइजर) या "जीवाणु खाद" (जैव उर्वरक) बनाया है जो भूमि की उर्वरता को टिकाऊ बनाए रखते हैं।
हरित क्रांति में आयी नई तकनीकों के कारण आधुनिक कृषि मुख्यतः सिंथेटिक इनपुट्स (मुख्यतः उर्वरकों) पर निर्भर हो रही है, जो जीवाश्म ईंधन (कोयला और पेट्रोलियम) से निर्मित होते हैं।
– फसलों में बायोफर्टिलाइज़र के उपयोग से उपज में 20-30% तक वृद्धि हो सकती है।
बायोफर्टिलाइज़र किसानो के लिए किफायती होता है। उर्वरकों की तुलना में इसकी कीमत कम होती है जिससे कि किसान इसको आसनी से इस्तेमाल करके अच्छी उपज प्रपात कर सकते है।
– सेल्यूलोलिटिक फंगल कल्चर का इस्तेमाल खाद के रूप में किया जाता है ।– फॉस्फोटिका और एज़ोटोबैक्टर कल्चर का इस्तेमाल भी खाद के रूप में किया जा सकता है।
– बायोफर्टिलाइज़र प्रभावी और उपयुक्त मात्रा में होने चाहिए।– सही संयोजन का चयन करें और समाप्ति तिथि से पहले उपयोग करें।