By Merikheti
भारत में वर्तमान में जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) सरसों की व्यावसायिक खेती पर चर्चा हो रही है, क्योंकि केंद्र सरकार ने इसकी खेती की अनुमति दी है।
जीएम सरसों दो विभिन्न प्रकार के पौधों की प्रजातियों को मिलाकर तैयार की जाती है।, जिसकी उपज अधिक होती है और रोगों का खतरा कम होता है।
जीएम सरसों, विशेष रूप से धारा सरसों हाइब्रिड (DMC-11), फसल की पैदावार को बढ़ा सकती है।
जीएम सरसों घरेलू स्तर पर सरसों के तेल का उत्पादन बढ़ाकर भारत की आयात निर्भरता को घटा सकती है, जिससे विदेशी मुद्रा की बचत हो सकती है।
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जीएम सरसों, डीएमएच-11 जैसी किस्में, उच्च उपज वाली और एकरूपता वाली हाइब्रिड किस्मों को विकसित करने में सक्षम होती हैं।
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