ड्रिप-मल्चिंग तकनीक क्या है और इससे किसानों को क्या लाभ है ?

Published on: 04-May-2024

ड्रिप मल्चिंग तकनीक (Drip Mulching Technology) आज के समय में बागवानी किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित हो रही है। ऐसे में इस तकनीक की मदद से बिहार के किसान अपने बागों में तरबूज और खरबूजे की उन्नत खेती कर रहे हैं। 

किसानों को कम समय में ज्यादा पैदावार लगाने के लिए बाजार में विभिन्न प्रकार की बेहतरीन तकनीक आ चुकी हैं, जिसकी सहायता से किसानों को फसल की उपज तो शानदार मिलती ही है। 

इसके साथ ही लागत में भी कमी आती है। इन्हीं तकनीक में ड्रिप मल्चिंग तकनीक/Drip Mulching Technology है। इस तकनीक से बागवानी फसलों से किसानों को उच्चतम पैदावार मिल रही है। 

इसके अतिरिक्त इस तकनीक से पानी की कमी वाली जगहों पर भी फसल करना काफी सुगम हो गया है। 

ड्रिप-मल्चिंग तकनीक क्या होती है ?

ड्रिप-मल्चिंग तकनीक एक प्रकार की प्रौद्योगिकी है, जिसमें पौधे को बेहतर ढ़ंग से तैयार किया जाता है। आसान भाषा में कहा जाए तो इस तकनीक के जरिए से पौधों को सही प्रकार से जल और पोषक तत्वों की आपूर्ति करने में सहायता मिलती है। 

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किसान इस तकनीक की सहायता से सीधे पौधों के नीचे पानी और पोषक तत्वों की छिद्रांकित आपूर्ति करते हैं। किसानों तक इस तकनीक को पहुंचाने का प्रमुख उद्देश्य पौधों को समय पर और ठीक मात्रा में पोषण प्रदान करके उनके विकास को प्रोत्साहन देना, जिससे कि किसानों का परिश्रम और समय दोनों की बचत हो सके।

ड्रिप-मल्चिंग तकनीक कौन-सी फसलों पर की जा सकती है ? 

वैसे तो ड्रिप-मल्चिंग तकनीक का उपयोग Use of Drip-Mulching Technique विभिन्न फसलों में किया जा सकता है। परंतु, ड्रिप मल्चिंग मुख्यत: बागवानी फसलों में काफी ज्यादा लाभदायक मानी जाती है। 

जैसे कि बैंगन, शिमला मिर्च, गोभी, तोरई, बैंगन, टमाटर, आलू, प्याज और गाजर आदि। इसके अतिरिक्त किसान ड्रिप मल्चिंग तकनीक को फलों की खेती में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 

इनके नाम आम, सेब, अंगूर, संतरा, अनार आदि। इस तकनीक से किसान बागवानी में उन पौधों की खेती भी कर सकते हैं, जो सब्जियों और हर्बल पौधे की सूची में शामिल होते हैं। किसान चाहें तो इस तकनीक का उपयोग गेहूं, चावल, मक्का, धान और अन्य कई फसलों में भी कर सकते हैं।

ड्रिप-मल्चिंग तकनीक स्थापित करने में कितना खर्चा होता है ?

ड्रिप-मल्चिंग तकनीक लगाने में खर्च किसान की जरूरतों पर निर्भर करता है. जैसे कि किसान के खेत का आकार, खेत में किन-किन फसलों को लगाया गया हैं और खेत में लगने वाले ड्रिप सिस्टम की गुणवत्ता क्या है. 

अगर देखा जाए तो बड़े खेतों में ड्रिप मल्चिंग सिस्टम/ Drip Mulching System लगाने के लिए किसानों को अधिक खर्च करना पड़ता है. वही, छोटे क्षेत्रों के खेतों के लिए कम खर्च आता है.

अगर हिसाब लगाया जाए तो करीब एक एकड़ खेत पर ड्रिप सिस्टम/Drip System की स्थापना के लिए 50-60 हजार रुपये की लागत आती है। हालांकि, इस प्रणाली को खेत में लगाने के लिए अब सरकार से भी शानदार अनुदान की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है।

ड्रिप सिस्टम की स्थापना हेतु इन योजनाओं से मिलेगा अनुदान

अगर आप भी सरकार की सब्सिडी की सुविधा की मदद से अपने खेत में ड्रिप सिस्टम लगाकर खेती करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको पीएम कृषि सूक्ष्म सिंचाई योजना/ Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana (PMKSY) में आवेदन कर इस सुविधा का लाभ उठाना होगा, जिसमें किसानों को खेत में ड्रिप सिस्टम लगवाने के लिए लगभग 80% प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है।

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