Published on: 04-May-2023
जैसा हम जानते हैं, गर्मी के दिन आने शुरू हो चुके हैं। दिनों दिन तापमान में इजाफा होने से पशुओं में संक्रमण फैलने का खतरा अधिक हो जाता है। लंगड़ी रोग पशुओं को सबसे ज्यादा दिक्कत करता है। इस वजह से उसे रोग प्रतिरोधक टीके वक्त पर लगवाते रहें।
तापमान में इजाफा होने से केवल जनता ही नहीं पशुओं की भी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। ऐसी हालत में ज्यादा गर्मी पड़ने पर पशु दूध देना भी कम कर देते हैं। विशेष बात यह है, कि इंसान की भांति दुधारू मवेशियों को गर्म हवाऐं भी लगने का भय रहता है। विभिन्न मामलों में यह देखा गया है कि लू की चपेट में आने से पशुओं की मृत्यु भी हो जाती है। इस वजह से अप्रैल माह में विशेष कर किसान भाई अपने पशुओं को लू और गर्मी से बचाएं। क्योंकि, इस माह में मौसम में तीव्रता से परिवर्तन होता है। इससे जानवरों की सेहत पर प्रभाव पड़ने का संकट मंड़रा जाता है।
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पशुपालक बढ़ती गर्मी और तापमान से अपने पशुओं को बचाऐं
बिहार राज्य के पशु और मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा पशुपालकों के लिए से विशेष सावधानियां बरतने की अपील की है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की तरफ से किसानों को कहा है कि अप्रैल माह में गर्मी काफी हद तक बढ़ जाती है। इससे पशुओं को लू लगने का खतरा अधिक हो जाता है। साथ ही, गर्मी की वजह से दूध की पैदावार काफी कम हो जाती है। मवेशियों के शरीर में जल और नमक की मात्रा कम हो जाती है। साथ ही, गाय- भैंस को भूख भी काफी कम लगने लगती है। अगर आपकी गाय-भैंस में इस प्रकार के लक्षण नजर आ रहे हैं, तब आप समझलें कि वह लू और गर्मी की चपेट में आ चुके हैं। ऐसे में मवेशियों को अतिशीघ्र पशु चिकित्सकों से दिखाना चाहिए।
यदि आप अपने पशुओं को लू और गर्मी के प्रभाव से बचाना चाहते हैं, तो उन्हें असहनीय धूप होने से पूर्व ही छाया में बांध दें। साथ ही, किसानों को समयानुसार ताजा पानी पिलाया जाए, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो पाए। साथ ही, मवेशियों को खाने के लिए हरा चारा अधिक दें। यदि हो सके तो किसान भाई अपने पशुओं को एजोला घास चारे के तौर पर प्रदान करें। इससे उसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेड, विटामिन एवं खनिज प्रचूर मात्रा प्राप्त हो सकेंगे।
गर्मी बढ़ने पर पशुओं में फॉस्फोरस की काफी कमी आ जाती है
साथ ही, गर्मी व तापमान बढ़ने से मवेशियों में संक्रमण फैलने का खतरा काफी बढ़ जाता है। लंगड़ी रोग पशुओं को सबसे ज्यादा परेशान करता है। इस वजह से उसे रोगरोधी टीके वक्त पर लगवाते रहें। साथ ही, गर्मी बढ़ने पर मवेशियों में फॉस्फोरस की कमी आ जाती है। इससे मवेशी स्वयं का पेशाब पीना चालू कर देते हैं। साथ ही, मिट्टी भी चाटने लग जाते हैं। इससे उन्हें बीमार पड़ने की आशंका बढ़ जाती है। इस वजह से पशुओं को चारे में नमक मिलकार खिलाएं। इससे उनके शरीर में फॉस्फोरस की कमी नहीं आएगी। साथ ही, पशुओं को दिन में न्यूनतम चार बार पानी पिलाएं और हवादार स्थान पर रखें। इससे वह काफी सेहतमंद रहेंगे।