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फसल

अधिक उपज देने वाली मक्का की उन्नत किस्में

अधिक उपज देने वाली मक्का की उन्नत किस्में

मक्का एक बहुपयोगी फसल है जिसका उपयोग अनाज, पशु चारे और औद्योगिक कच्चे माल के रूप में होता है। मक्का का आटा, मक्के की रोटी और अन्य खाद्य उत्पादों में इसका विशेष महत्व है। इसकी अच्छी पैदावार के लिए उपयुक्त जलवायु और उपजाऊ मिट्टी जरूरी होती है। मक्का गर्म और अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में अच्छी तरह उगता है। साथ ही, सही किस्म का चयन भी बेहतर उत्पादन और मुनाफे के लिए आवश्यक है। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख उन्नत किस्मों के बारे में । मक्का की उन्नत किस्में  भारत में मक्का की कई किस्में मौजूद है इन किस्में के फीचर्स निम्नलिखित दिए...
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने विकसित की चना की नयी किस्म पूसा चना 4037 अश्विनी

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने विकसित की चना की नयी किस्म पूसा चना 4037 अश्विनी

किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से कृषि विश्वविद्यालय और अनुसंधान संस्थान लगातार अधिक उत्पादन देने वाली फसलों की नई किस्मों का विकास कर रहे हैं। इसी दिशा में, ICAR-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा, नई दिल्ली ने चने की एक नई उन्नत किस्म पूसा चना 4037 अश्विनी विकसित की है। इस किस्म की विशेषता यह है कि यह लगभग 36 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देने की क्षमता रखती है। इस किस्म का नामकरण IARI की प्रतिभाशाली छात्रा एवं वैज्ञानिक डॉ. अश्विनी के सम्मान में किया गया है, जिनका हाल ही में तेलंगाना-आंध्र प्रदेश में आई बाढ़ में दुखद...
मूंग की उन्नत किस्मों के बीज अब किसानों को आसानी से होंगे उपलब्ध

मूंग की उन्नत किस्मों के बीज अब किसानों को आसानी से होंगे उपलब्ध

फसलों की उत्पादकता बढ़ाने और किसानों को उन्नत तकनीक से जोड़ने के उद्देश्य से देश के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालय लगातार नई-नई उन्नत किस्मों का विकास कर रहे हैं। इन्हीं प्रयासों के तहत चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने मूंग की दो उन्नत किस्मों MH 1762और MH 1772 को बढ़ावा देने हेतु राजस्थान की स्टार एग्रो सीड्स कंपनी के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। इस करार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इन उन्नत किस्मों का बीज अधिक से अधिक किसानों तक विश्वसनीय रूप से पहुंचे, जिससे उनकी पैदावार में सुधार हो और उन्हें आर्थिक लाभ मिल...
मक्का की वृद्धि अवस्थाएँ, प्रबंधन प्रथाएँ, और पोषक तत्व आवश्यकताएँ

मक्का की वृद्धि अवस्थाएँ, प्रबंधन प्रथाएँ, और पोषक तत्व आवश्यकताएँ

लेखक: डॉ वीरेन्द्र सिंह गहलानउच्च मक्का उपज प्राप्त करने के लिए, किसानों को फसल की वृद्धि अवस्थाओं को समझना और उचित देखभाल प्रदान करना आवश्यक है, जिसमें सटीक पोषक तत्व प्रबंधन शामिल है। यह बुलेटिन मक्का की प्रमुख वृद्धि अवस्थाओं, उनकी प्रबंधन आवश्यकताओं, और इष्टतम वृद्धि के लिए मानक प्रथाओं के आधार पर अनुशंसित उर्वरक अनुप्रयोग (किग्रा प्रति हेक्टेयर) को रेखांकित करता है।मक्का की विभिन्न वृद्धि अवस्थाओं में प्रबंधन प्रथाएँ और पोषक तत्व प्रबंधन   1. उद्भव अवस्था     विवरण:मक्का का बीज अंकुरित होता है और पौधा मिट्टी से बाहर निकलता है।इसके लिए गर्म...
 उन्नत कृषि प्रणाली के लिए ज्ञान, यंत्र, प्रबंधन एवं आपूर्ति श्रृंखला

उन्नत कृषि प्रणाली के लिए ज्ञान, यंत्र, प्रबंधन एवं आपूर्ति श्रृंखला

लेखक - डॉ वीरेन्द्र सिंह गहलान,कृषि मात्र एक साधारण उत्पादन प्रक्रिया नहीं है; यह एक सुव्यवस्थित असेम्बली लाइन है जिसमें मंत्र (ज्ञान), यंत्र (संसाधन), और तंत्र (प्रबंधन एवं आपूर्ति श्रृंखला) का प्रभावी समन्वय आवश्यक होता है। उन्नत कृषि के लिए, किसान को वैज्ञानिक समझ, तकनीकी दक्षता, और एक व्यापक आपूर्ति प्रणाली विकसित करनी होती है। यह एक सुव्यवस्थित कृषि उद्योग की आधारशिला है।Extreme Farm Soil Engineering: उन्नत कृषि की नींवकिसी भी फसल उत्पादन की मूलभूत इकाई मृदा होती है। परंपरागत दृष्टिकोण से आगे बढ़कर, Extreme Farm Soil Engineering का उद्देश्य मिट्टी को एक उर्वर, संरचित और पर्यावरण-अनुकूल प्रणाली में बदलना...
कृषि असेम्बली लाइन: तकनीकी एवं वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य

कृषि असेम्बली लाइन: तकनीकी एवं वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य

लेखक : डॉ वीरेन्द्र सिंहकृषि क्षेत्र में असेम्बली लाइन की अवधारणा को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, जबकि यह संपूर्ण कृषि आपूर्ति श्रृंखला की कार्यक्षमता और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। जिस प्रकार हेनरी फोर्ड ने कार उत्पादन में असेम्बली लाइन की दक्षता को बढ़ाया, उसी प्रकार कृषि उत्पादन में भी व्यवस्थित, चरणबद्ध, और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर दक्षता में वृद्धि की जा सकती है।कृषि असेम्बली लाइन की अवधारणाकृषि उत्पादन केवल खेत में बीज बोने और फसल काटने तक सीमित नहीं है। यह एक बहु-स्तरीय प्रणाली है जिसमें भूमि सुधार, पौध पोषण, फसल सुरक्षा, कटाई उपरांत प्रक्रियाएँ,...