मूंग की उन्नत किस्मों के बीज अब किसानों को आसानी से होंगे उपलब्ध

Published on: 25-Apr-2025
Updated on: 25-Apr-2025
moong seeds and jute sacks on farm background
फसल खाद्य फसल मूंग

फसलों की उत्पादकता बढ़ाने और किसानों को उन्नत तकनीक से जोड़ने के उद्देश्य से देश के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालय लगातार नई-नई उन्नत किस्मों का विकास कर रहे हैं। 

इन्हीं प्रयासों के तहत चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने मूंग की दो उन्नत किस्मों MH 1762और MH 1772 को बढ़ावा देने हेतु राजस्थान की स्टार एग्रो सीड्स कंपनी के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। 

इस करार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इन उन्नत किस्मों का बीज अधिक से अधिक किसानों तक विश्वसनीय रूप से पहुंचे, जिससे उनकी पैदावार में सुधार हो और उन्हें आर्थिक लाभ मिल सके।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज के अनुसार, इन किस्मों की बढ़ती मांग को देखते हुए विश्वविद्यालय विभिन्न राज्यों की बीज कंपनियों से साझेदारी कर रहा है। 

इस समझौते के अंतर्गत स्टार एग्रो सीड्स कंपनी को इन किस्मों के बीजों के उत्पादन और विपणन का लाइसेंस मिलेगा, जिसके लिए कंपनी विश्वविद्यालय को लाइसेंस फीस भी अदा करेगी।

मूंग की उन्नत किस्मों की विशेषताएं: 

अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने बताया कि MH 1762 और MH 1772 किस्में पीला मौजेक सहित अन्य बीमारियों के प्रति प्रतिरोधी हैं। 

MH 1762 को वसंत और ग्रीष्म कालीन मौसम में उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त माना गया है, जबकि MH 1772 को खरीफ मौसम में उत्तर-पूर्वी मैदानी क्षेत्रों में खेती के लिए अनुशंसित किया गया है।

MH 1762 लगभग 60 दिनों में और MH 1772 लगभग 67 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इन दोनों किस्मों के दाने चमकीले हरे रंग के और मध्यम आकार के होते हैं। 

इन किस्मों से मिलने वाली उपज पारंपरिक किस्मों से 10-15% अधिक है। MH 1762 की औसत उपज 14.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जबकि MH 1772 की औसत उपज 13.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।

इन किस्मों की एक खास बात यह भी है कि ये रोगरोधी हैं और बेहतर कृषि प्रबंधन से इनकी पैदावार और भी अधिक बढ़ाई जा सकती है।

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यह समझौता किसानों के लिए होगा लाभकारी

यह समझौता न केवल किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा, बल्कि विश्वविद्यालय को भी बीज प्रौद्योगिकी के व्यावसायीकरण से राजस्व प्राप्त होगा। 

साथ ही, किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज समय पर मिल सकेंगे, जिससे वे अधिक लाभ प्राप्त कर सकें। यह साझेदारी अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक कदम है, जिससे कृषि क्षेत्र में टिकाऊ और समृद्ध भविष्य की नींव रखी जा सकेगी।