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मृदा स्वास्थ्य और मानव स्वास्थ्य में वृद्धि करने में कृषि वनों का महत्व

मृदा स्वास्थ्य और मानव स्वास्थ्य में वृद्धि करने में कृषि वनों का महत्व

पौराणिक काल की प्राकृतिक खेती का एक नया रूप यह है कि किसान पौधों का चयन उनकी उपयोगिता और आर्थिक लाभ के आधार पर करें।इसके साथ ही, वे जंगलों की डिज़ाइनिंग करें, जिसमें प्रसंस्करण उद्योग और बाजार को भी जोड़ा जाए। इस प्रक्रिया में मुख्य ध्यान दाल-रोटी की आपूर्ति और पर्यावरण संतुलन पर होगा।कृषि वन का मिट्टी, पौधे और मानव स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभावकृषि वन एक ऐसा कृषि प्रणाली है जिसमें पेड़, घास, घरेलू जानवर, हेज, विंड ब्रेक और अन्य बारहमासी पौधों का मिश्रण होता है।यह प्रणाली भोजन, फाइबर और रसायन उत्पन्न करने के साथ-साथ प्राकृतिक वन पारिस्थितिकी तंत्र...
वर्मी कंपोस्ट ने बदली इस किसान की तक़दीर, 50 लाख कमा रहा मुनाफा जाने इसकी कहानी

वर्मी कंपोस्ट ने बदली इस किसान की तक़दीर, 50 लाख कमा रहा मुनाफा जाने इसकी कहानी

उत्तर प्रदेश का महाराजगंज जिला कृषि उत्पादन में प्रसिद्ध है। किसानों का मानना है कि यहां की उपजाऊ भूमि सबसे अच्छी है। जिले के ज्यादातर लोग कृषि से प्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं।इनमें से कुछ किसान कृषि में कुछ अलग काम करने के लिए भी प्रसिद्ध हैं। एक ऐसे ही प्रगतिशील किसान है नागेंद्र पांडेय जी, जो केंचुआ पालन करते हैं।नागेंद्र के आसपास और दूर-दूर से लोग वर्मी कंपोस्ट खरीदते हैं। नागेंद्र का कहना है कि उन्होंने ये काम छोटे स्तर से शुरू किया था लेकिन आज वे इस कार्य से लाखों का मुनाफा कमा रहे है।नागेंद्र...
श्यामा तुलसी की खेती से चमकेगी बुंदेलखंड के किसानों की किस्मत

श्यामा तुलसी की खेती से चमकेगी बुंदेलखंड के किसानों की किस्मत

बुंदेलखंड के किसानों की किस्मत श्यामा तुलसी की खेती से बदल रही है। तुलसी की बढ़ती मांग के कारण इस साल क्षेत्र में इसकी खेती का विस्तार हुआ है। पिछले साल तुलसी की खेती 2800 एकड़ में की गई थी, जो इस साल बढ़कर 6000 एकड़ हो गई है।अधिकारियों की योजना है कि बुंदेलखंड को तुलसी उत्पादन का हब बनाया जाए, ताकि आयुर्वेदिक कंपनियों को आकर्षित किया जा सके।बुंदेलखंड की मिट्टी तुलसी की खेती के लिए उपयुक्तबुंदेलखंड की मिट्टी श्यामा तुलसी के लिए बहुत उपयुक्त है। कम लागत और अन्ना जानवरों से फसलों को होने वाले नुकसान के कारण किसान...
अर्का किरण अमरुद किस्म की खेती करके क्रांति कुमार ने रचा इतिहास: 7 लाख रुपये हुई उपज

अर्का किरण अमरुद किस्म की खेती करके क्रांति कुमार ने रचा इतिहास: 7 लाख रुपये हुई उपज

पौष्टिक गुणों और स्वाद के कारण अमरूद हर उम्र के लोगों का पसंदीदा फल है। हम आज एक अमरूद किसान की कहानी बताने जा रहे हैं।इस किसान ने अमरूद की एक विशिष्ट प्रजाति की खेती करके लाखों रुपये कमाए। अब बाकी किसान भी इससे प्रेरित हो रहे हैं।दरअसल, बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टीकल्चर ने अमरूद की 'अर्का किरण' प्रजाति विकसित की है। यह अमरूद F1 हाइब्रिड किस्म किसान ने अपने खेत में बोया।अमरूद की शानदार उपज देने वाली किस्मआंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में क्रांति कुमार ने अपने खेत में अमरूद की F1 हाइब्रिड की खेती की, यह...
धान की सही बुवाई को लेकर वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक रितेश शर्मा जी का साक्षात्कार

धान की सही बुवाई को लेकर वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक रितेश शर्मा जी का साक्षात्कार

मेरीखेती की टीम किसानों की समृद्धि को लक्ष्य मानकर निरंतर किसान हित में निःशुल्क किसान पंचायत का आयोजन, मासिक पत्रिका और ऑनलाइन माध्यम से लाभकारी जानकारी किसानों तक पहुँचाने का कार्य करती आ रही है। इसी कड़ी में अब गेंहू की फसल कटाई होने के बाद धान की बुवाई की तैयारी करने वाले किसानों के लिए मेरीखेती टीम  ने वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक रितेश शर्मा जी का साक्षात्कार लिया। डॉ रितेश शर्मा कृषि वैज्ञानिक होने की वजह से धान की फसल की अच्छी उपज लेने की सभी तरकीबों के बारे में जानते हैं। क्योंकि रितेश शर्मा को कृषि क्षेत्र में वर्षों का...
मिट्टी जांच क्यों है आवश्यक? जानिए सम्पूर्ण जानकारी

मिट्टी जांच क्यों है आवश्यक? जानिए सम्पूर्ण जानकारी

फसल उत्पादन और मृदा स्वास्थ्य दोनों के लिए संतुलित पौध पोषण बहुत महत्वपूर्ण है। मिट्टी परीक्षण खेत की मिट्टी में उपस्थित विभिन्न प्रमुख और गौण पोषक तत्वों की मात्रा की जानकारी देता है। मिट्टी परीक्षण के नतीजों को देखते हुए कृषक बन्धु उर्वरकों का सही मात्रा में उपयोग कर अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।मिट्टी परीक्षण क्या होता है?मिट्टी परीक्षण का अर्थ है पौधों की मिट्टी में पोषक तत्वों की उपलब्ध मात्राओं का रासायनिक परीक्षणों द्वारा आंकलन करना और विभिन्न मृदा विकास विशेषताओं जैसे मृदा लवणीयता, क्षारीयता और अम्लीयता की जांच करना। फसल उत्पादन के लिए मिट्टी परीक्षण बहुत आवश्यक...
दुनिया की सबसे महंगी गाय की नस्ल, खूबियां और कीमत जानकर आपके होश उड़ जाएंगे

दुनिया की सबसे महंगी गाय की नस्ल, खूबियां और कीमत जानकर आपके होश उड़ जाएंगे

भारत आदिकाल से कृषि के क्षेत्र में अग्रणी देश रहा है। कृषि के साथ-साथ पशुपालन किसानों की आय को बेहतर करने का सबसे उत्तम विकल्प रहा है। वर्तमान में भी किसान भाई खेती-किसानी के साथ-साथ पशुपालन का कार्य भी करते हैं। आज के समय में पशुपालन गांव ही नहीं बल्कि शहरों के अंदर भी किया जा रहा है। पशुपालन करने से किसानों को तभी अच्छी आय होती है जब उन्होंने पशुओं का चयन बड़ी कुशलता से किया हो। आज हम मेरीखेती के इस लेख दुनिया की सबसे महँगी गाय की नस्ल उसकी खूबियां और कीमत के बारे में बताएंगे। जानिए दुनिया...
जानें देसी गाय और जर्सी गाय में अंतर और दुग्ध उत्पादन क्षमता

जानें देसी गाय और जर्सी गाय में अंतर और दुग्ध उत्पादन क्षमता

किसान एवं पशुपालक अपनी आमदनी को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के दुधारू पशुओं का पालन किया करते है। सामान्य तोर पर देखा जाए तो आज के दोर में पशुपालन सबसे शानदार व्यवसाय है। लेकिन, सामान्य तोर पर देखा गया है, कि पशुपालकों को गायों की सटीक जानकारी का अभाव होने के चलते उन्हें विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आज हम किसानों व पशुपालकों के लिए देसी और जर्सी गाय से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए हैं। इससे आपको अपनी आवश्यकता के अनुसार उचित गाय चयन का पालन कर सके। ये भी पढ़ें: