उत्तर प्रदेश का महाराजगंज जिला कृषि उत्पादन में प्रसिद्ध है। किसानों का मानना है कि यहां की उपजाऊ भूमि सबसे अच्छी है। जिले के ज्यादातर लोग कृषि से प्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं।
इनमें से कुछ किसान कृषि में कुछ अलग काम करने के लिए भी प्रसिद्ध हैं। एक ऐसे ही प्रगतिशील किसान है नागेंद्र पांडेय जी, जो केंचुआ पालन करते हैं।
नागेंद्र के आसपास और दूर-दूर से लोग वर्मी कंपोस्ट खरीदते हैं। नागेंद्र का कहना है कि उन्होंने ये काम छोटे स्तर से शुरू किया था लेकिन आज वे इस कार्य से लाखों का मुनाफा कमा रहे है।
महाराजगंज जिले के नंदना गांव निवासी नागेंद्र पांडेय ने बताया कि वर्मी कंपोस्ट का काम सिर्फ चालीस केंचुए से शुरू हुआ था। शुरू में उनको कई कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ा था।
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नागेंद्र पांडेय धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर बड़े स्तर तक पहुँचाया। वर्तमान में 400 से अधिक बेड बनाने और काफी बड़े वर्मी कंपोस्ट बनाने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि 40 केंचुए (10 रूपए) से 50 लाख तक की कीमत का सेटअप बनाया गया है। 50 से 60 दिनों में तैयार होने वाले वर्मी कंपोस्ट उनके लिए काफी मुनाफे वाला काम है।
नागेंद्र पांडेय ने बताया कि वर्मी कंपोस्ट में भी बहुत से लोग काम कर रहे हैं। 25 से 30 महिलाएं दैनिक रूप से प्लांट में काम करती हैं। इसके अतिरिक्त, पंद्रह लड़के वर्मी कंपोस्ट के लिए गोबर ढुलाई करते हैं।
यह भी वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए गोबर लाने वाले लोगों को रोजगार देता है। यही कारण है कि नागेंद्र पांडेय अपने उद्यम के साथ-साथ लोगों को रोजगार के अवसर भी दे रहे हैं।