लेग्यूम फसलों को उगाने से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ती है, जिससे अनाज की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों में सुधार होता है।
चूंकि अनाज फसलें मिट्टी की अधिकतर नाइट्रोजन का उपयोग करती हैं, इसलिए लेग्यूमघास के साथ फसल चक्र अपनाना लाभकारी होता है।
यह मिश्रण नाइट्रोजन को स्थिर रखने में मदद करता है, खासतौर पर जड़ों के पास, जिससे बाद में यह सतह पर आकर फसल को पोषण दे पाता है।
ले फार्मिंग का एक और बड़ा फायदा है कि यह अवांछित घास और खरपतवार को नियंत्रित करने में मदद करता है। चूंकि मवेशी इन खरपतवारों को भी चर लेते हैं, इसलिए ये प्राकृतिक रूप से कम हो जाते हैं।
यह तरीका सालाना उगने वाले खरपतवारों के लिए ज्यादा असरदार होता है, जबकि स्थायी खरपतवारों के नियंत्रण में थोड़ी मुश्किल होती है।
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ले प्रणाली पारंपरिक तरीकों की तुलना में मिट्टी की गहराई तक सुधार लाती है और कटाव को रोकती है। इसकी मजबूत और गहरी जड़ें मिट्टी के अंदर गहराई तक पोषक तत्व और पानी खींच सकती हैं,
जिससे ऊपर की परत शुष्क रहती है और जल बहाव के समय पोषक तत्वों का नुकसान नहीं होता। यह विशेष रूप से उथली मिट्टी वाले क्षेत्रों में जल निकासी को नियंत्रित करने में कारगर है।
ले farming चरागाह पशुओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाला चारा प्रदान करते हैं, जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर होता है और वे तेजी से बढ़ते हैं। लेग्यूम में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं, जिससे दूध की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
घास और लेग्यूम को मिलाकर लगाने से पोषण संतुलित होता है, जो अकेली घास की तुलना में ज्यादा फायदेमंद होता है। चराई के मौसम में पशुओं को पोषक चारे की उपलब्धता बढ़ती है, जिससे उत्पादन भी अच्छा होता है।