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Ley farming  - आगामी फसलों के लिए नाइट्रोजन सामग्री में सुधार

Ley farming - आगामी फसलों के लिए नाइट्रोजन सामग्री में सुधार

लेग्यूम फसलों को उगाने से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ती है, जिससे अनाज की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों में सुधार होता है। चूंकि अनाज फसलें मिट्टी की अधिकतर नाइट्रोजन का उपयोग करती हैं, इसलिए लेग्यूमघास के साथ फसल चक्र अपनाना लाभकारी होता है। यह मिश्रण नाइट्रोजन को स्थिर रखने में मदद करता है, खासतौर पर जड़ों के पास, जिससे बाद में यह सतह पर आकर फसल को पोषण दे पाता है।खरपतवारों की वृद्धि को नियंत्रित करनाले फार्मिंग का एक और बड़ा फायदा है कि यह अवांछित घास और खरपतवार को नियंत्रित करने में मदद करता है। चूंकि मवेशी इन खरपतवारों को...
मृदा परीक्षण क्या है? जानिए सम्पूर्ण जानकारी

मृदा परीक्षण क्या है? जानिए सम्पूर्ण जानकारी

आजकल की गहन कृषि प्रणाली में मिट्टी की पोषक तत्वों की कमी तेजी से बढ़ रही है, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस समस्या को हल करने के लिए मृदा परीक्षण आवश्यक है, जिससे मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा का निर्धारण कर उचित पोषक तत्व प्रबंधन किया जा सकता है। मृदा परीक्षण से मिट्टी के विकारों की पहचान और उनके सुधार के उपाय भी संभव होते हैं।  मृदा परीक्षण के मुख्य उद्देश्य  मिट्टी की उर्वरा शक्ति की जांच करना।  फसल विशेष के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा का पता लगाना।  खाद और उर्वरकों के सही उपयोग का...
वर्मी कम्पोस्ट बनाने की विधि | केंचुओं से जैविक खाद कैसे बनाएं

वर्मी कम्पोस्ट बनाने की विधि | केंचुओं से जैविक खाद कैसे बनाएं

केंचुए 20 करोड़ वर्षों से अधिक समय से पृथ्वी पर मौजूद हैं। इस अवधि में, उन्होंने जीवन चक्र को सतत रूप से चलायमान रखने के लिए अपनी भूमिका निभाई है।उनका उद्देश्य सरल लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे जैविक पोषक तत्वों को मृत ऊतकों से जीवित प्राणियों तक पुनः चक्रित करने का प्रकृति का तरीका हैं।केंचुओं के मूल्य को कई लोगों ने पहचाना है। प्राचीन सभ्यताओं, जैसे ग्रीस और मिस्र, ने मिट्टी में केंचुओं की भूमिका को महत्व दिया।मिस्र की महारानी, क्लियोपेट्रा ने कहा था, "केंचुए पवित्र हैं। उन्होंने वार्षिक बाढ़ के बाद नील घाटी की कृषि भूमि को उपजाऊ...
मृदा स्वास्थ्य और मानव स्वास्थ्य में वृद्धि करने में कृषि वनों का महत्व

मृदा स्वास्थ्य और मानव स्वास्थ्य में वृद्धि करने में कृषि वनों का महत्व

पौराणिक काल की प्राकृतिक खेती का एक नया रूप यह है कि किसान पौधों का चयन उनकी उपयोगिता और आर्थिक लाभ के आधार पर करें।इसके साथ ही, वे जंगलों की डिज़ाइनिंग करें, जिसमें प्रसंस्करण उद्योग और बाजार को भी जोड़ा जाए। इस प्रक्रिया में मुख्य ध्यान दाल-रोटी की आपूर्ति और पर्यावरण संतुलन पर होगा।कृषि वन का मिट्टी, पौधे और मानव स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभावकृषि वन एक ऐसा कृषि प्रणाली है जिसमें पेड़, घास, घरेलू जानवर, हेज, विंड ब्रेक और अन्य बारहमासी पौधों का मिश्रण होता है।यह प्रणाली भोजन, फाइबर और रसायन उत्पन्न करने के साथ-साथ प्राकृतिक वन पारिस्थितिकी तंत्र...
मिट्टी जांच क्यों है आवश्यक? जानिए सम्पूर्ण जानकारी

मिट्टी जांच क्यों है आवश्यक? जानिए सम्पूर्ण जानकारी

फसल उत्पादन और मृदा स्वास्थ्य दोनों के लिए संतुलित पौध पोषण बहुत महत्वपूर्ण है। मिट्टी परीक्षण खेत की मिट्टी में उपस्थित विभिन्न प्रमुख और गौण पोषक तत्वों की मात्रा की जानकारी देता है। मिट्टी परीक्षण के नतीजों को देखते हुए कृषक बन्धु उर्वरकों का सही मात्रा में उपयोग कर अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।मिट्टी परीक्षण क्या होता है?मिट्टी परीक्षण का अर्थ है पौधों की मिट्टी में पोषक तत्वों की उपलब्ध मात्राओं का रासायनिक परीक्षणों द्वारा आंकलन करना और विभिन्न मृदा विकास विशेषताओं जैसे मृदा लवणीयता, क्षारीयता और अम्लीयता की जांच करना। फसल उत्पादन के लिए मिट्टी परीक्षण बहुत आवश्यक...
मृदा की उर्वरता को बढ़ाने वाला बायोचार कैसे तैयार किया जाता है ?

मृदा की उर्वरता को बढ़ाने वाला बायोचार कैसे तैयार किया जाता है ?

पौधों की बेहतरीन विकास के लिए विभिन्न चीजों की जरूरत पड़ती है, जिसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मृदा, पानी और धूप को कहा जाता है। इनमें मृदा सबसे खास है, क्योंकि इससे पौधे को नाइट्रोजन, फस्फोरस और पोटेशियम हांसिल होते हैं। इन पोषक तत्वों की पौधे में शानदार विकास के लिए बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है।इन पोषक तत्वों की आवश्यकता को पूरा करने और पौधे की अच्छी पैदावार पाने के लिए मृदा में खाद का छिड़काव किया जाता है। परंतु, क्या आप जानते हैं, कि पौधे के उत्तम विकास के लिए बायोचार का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। ये एक...
विश्व मृदा दिवस के अवसर पर पौधों की बीमारियों के प्रबंधन में स्वस्थ मिट्टी की भूमिका

विश्व मृदा दिवस के अवसर पर पौधों की बीमारियों के प्रबंधन में स्वस्थ मिट्टी की भूमिका

स्वस्थ मिट्टी विभिन्न परस्पर जुड़े तंत्रों के माध्यम से पौधों की बीमारी के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जो पौधों की समग्र स्वस्थ में योगदान करती है। एक मिट्टी का पारिस्थितिकी तंत्र जो पोषक तत्वों से समृद्ध है, सूक्ष्म जीवों की आबादी में संतुलित है, और अच्छी भौतिक संरचना रखता है, पौधों की बीमारियों की गंभीरता को काफी कम करता है। स्वस्थ मिट्टी पौधों के रोगजनकों के खिलाफ अग्रिम पंक्ति की रक्षा के रूप में कार्य करती है। पोषक तत्व संतुलन स्वस्थ मिट्टी पौधों के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का इष्टतम संतुलन प्रदान करती है। पौधों में मजबूत...
शानदार उपज पाने के लिए सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के जरिए मिट्टी की जांच कराऐं

शानदार उपज पाने के लिए सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के जरिए मिट्टी की जांच कराऐं

किसान भाई बेहतरीन फसल पैदावार के लिए खेत की मृदा की जांच अवश्य कराएं। मृदा की जाँच कराने हेतु सॉइल हेल्थ कार्ड बनवाना पड़ेगा। किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार विभिन्न योजनाएं चला रही हैं। किसान फसल की बेहतरीन उपज प्राप्त कर सकें। इसके लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (Soil Health Card) चलाई जा रही है। इस योजना के अंतर्गत किसान भाई अपने खेत की मृदा की जांच कराते हैं। जाँच कराने के बाद रिपोर्ट के आधार पर खेती करते हैं, जिससे उनकी काफी कम लागत आती है। साथ ही, उत्पादन भी काफी अच्छा होता है। किसानों के...
किसानों को समुचित वक्त पर खाद-बीज उपलब्ध कराए जाऐंगे, प्रत्येक चीज पर पैनी नजर रखी जाऐगी

किसानों को समुचित वक्त पर खाद-बीज उपलब्ध कराए जाऐंगे, प्रत्येक चीज पर पैनी नजर रखी जाऐगी

खाद-बीज की बेहतरीन बिक्री करने के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे किसान भाइयों को समुचित समय पर फायदा प्राप्त होगा। खाद-बीज के वितरण में जब भी कोई अव्यवस्था होती है, तो इसकी जबावदेही व जिम्मेदारी प्रत्यक्ष रूप से सरकारी समितियों (Government Committees) की होती हैं। यदि हम एक नजर डालें तो भारत के कई सारे राज्यों से आए-दिन खाद-बीज को लेकर कुछ न कुछ समस्याऐं आती ही रहती हैं।  बतादें, कि किसानों व समितियों की इस समस्या को दूर करने के लिए वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने प्रदेश की सहकारी समितियों को हाईटेक करना...