Sandy Soil: बलुई मिट्टी क्या होती है और किस इलाके में सबसे ज्यादा पाई जाती है ?

Published on: 08-Apr-2024

बलुई मिट्टी (balui mitti) हमारे देश में बड़े पैमाने पर पाई जाती है। मुख्य रूप से बालुई मिट्टी राजस्थान में पाई जाती है। बालुई मिट्टी का रंग हल्का पीला और सुनहरा होता है। 

इंग्लिश में इसको Sandy Soil के नाम से जाना जाता है। इस मिट्टी के कण दूसरी मिट्टी कि तुलना में बड़े होते हैं। बलुई मिट्टी के कणों का आकार 2 mm से बड़ा होता है। इस मिट्टी में फसल का उत्पादन भी किया जा सकता है। आज इस लेख में हम आपको बलुई मिट्टी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे।

बलुई मिट्टी क्या है (What Is Sandy Soil)?

बलुई मिट्टी (balui mitti) के कण मोटे होते हैं जिस कारण से दूसरी मिट्टियों कि तुलना में sandy soil की जल धारण क्षमता बहुत कम होती है। इस मिट्टी में फसल उत्पादन के लिए उचित पानी और खाद का प्रबंधन करना चाहिए। 

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बलुई मिट्टी का दूसरा नाम क्या है?

इस मिट्टी (Sandy Soil) को कई नामों से जाना जाता है रेतीली मिट्टी, मरुस्थलीय मिट्टी, रेत और सैंड आदि। इस मिट्टी में कण मोटे होते हैं इसलिए इस मिट्टी की जल धारण क्षमता बहुत कम है।

बलुई मिट्टी कहां पाई जाती है?

भारत में बलुई मिट्टी विशेष रूप से राजस्थान के पश्चिमी भाग, पंजाब के दक्षिणी-पश्चिमी भाग, हरियाणा के पश्चिमी भाग, और गुजरात के उत्तरी भाग में पाई जाती है। 

इस मिट्टी का विस्तार लगभग 144 लाख हेक्टेयर भू-भाग पर है, जो कम पानी की आवश्यकता वाले पौधों जैसे बबूल (कीकर), बेर की झाड़ी, और कैक्टस के लिए अनुकूल है।

इस मिट्टी में कहीं-कहीं कंकड़ तथा नमक के अंश भी मिलते हैं। इसमें नाइट्रोजन, जीवांश तथा अन्य पोषक तत्वों की कमी रहती है। सिंचाई के साधन उपलब्ध होने पर और मिट्टी में यहां कृषि की जा सकती है। 

इस मिट्टी में कई प्रकार के पौधे उगते हैंजिनको कम पानी की आवश्यकता होती है जैसे की - बबुल (कीकर), बेर की झाड़ी और कैक्टस आदि। 

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बलुई मिट्टी में उगने वाली फसल ?

भारत की सबसे उपजाऊ मिट्टी जलोढ़ मिट्टी भी बलुई मिट्टी के मिलान से ही बनती है। जलोढ़ मिट्टी में सबसे ज्यादा मात्रा बलुई मिट्टी की पाई जाती है। मुख्य रूप से बलुई मिट्टी आलू, मूंगफली, गाजर, मूली और शलजम की खेती के लिए अच्छी मानी जाती है इसके अलावा कई अन्य फसलें भी इसमें उगाई जा सकती है। 

 अगर किसान भाई इस मिट्टी में गोबर की खाद, जिप्सम आदि का इस्तेमाल करें तो इस मिट्टी की उर्वरक शक्ति में इजाफा हो सकता है। जलोढ़ मिट्टी सबसे अधिक उत्पादन देने वाली मिट्टी है। ये मिट्टी नदियों द्वारा ला कर उत्तरी मैदानों में बिछाई गयी है। इस मिट्टी से सबसे ज्यादा फसल उत्पादन होता है।    

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