फसल उत्पादन और मृदा स्वास्थ्य दोनों के लिए संतुलित पौध पोषण बहुत महत्वपूर्ण है। मिट्टी परीक्षण खेत की मिट्टी में उपस्थित विभिन्न प्रमुख और गौण पोषक तत्वों की मात्रा की जानकारी देता है।
मिट्टी परीक्षण के नतीजों को देखते हुए कृषक बन्धु उर्वरकों का सही मात्रा में उपयोग कर अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
मिट्टी परीक्षण का अर्थ है पौधों की मिट्टी में पोषक तत्वों की उपलब्ध मात्राओं का रासायनिक परीक्षणों द्वारा आंकलन करना और विभिन्न मृदा विकास विशेषताओं जैसे मृदा लवणीयता, क्षारीयता और अम्लीयता की जांच करना। फसल उत्पादन के लिए मिट्टी परीक्षण बहुत आवश्यक है।
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पौधों के सही विकास और वृध्दि के लिए सामान्य रूप से सोलह पोषक तत्व आवश्यक हैं।
पौधे वायु और पानी से प्रायः पहले तीन पोषक तत्व (कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन) प्राप्त करते हैं, शेष 13 पोषक तत्व नत्रजन, फास्फोरस, पोटाश, कैल्शियम, मैग्निशियम और सल्फर) भूमि से प्राप्त होते हैं।
आमतौर पर, ये सभी पोषक तत्व प्राकृतिक रूप से जमीन में उपलब्ध रहते हैं। खेत में लगातार फसल लगने से मिट्टी से इन सभी आवश्यक तत्वों का बहिष्कार होता रहता है।
जब पौधों को अच्छी तरह से पोषित नहीं किया जाता, तो फसलों की वृद्धि सही नहीं हो पाती, जिससे पौधे कमजोर हो जाते हैं और रोगों, कीटों और अन्य रोगों से संक्रमित होने की अधिक संभावना रहती है।
नतीजतन, फसल उत्पादन कम होता है और अतिरिक्त उर्वरक भी महंगे होते जा रहे हैं। वास्तव में, खेत में इन पोषक तत्वों का उपयोग सिर्फ आवश्यकतानुसार किया जा सकता है और इससे खेती को लाभ मिल सकता है।
मिट्टी परीक्षण ही खेतो में उर्वरक की सही मात्रा का पता लगा सकता है। इसलिए, उर्वरकों का अधिकतम उपयोग करने और अधिक फसल उत्पादन करने के लिए मिट्टी परीक्षण अनिवार्य है।
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खेत में मिट्टी का नमूना जिग-जैग से घूमाकर दस से पंद्रह स्थानों पर निशान लगाकर लेना चाहिए, ताकि सभी क्षेत्रों को शामिल किया जा सके।
खेत में जहा स्थानो का चयन किया गया है उनकी उपरी सतह से घास-फूस, कूडा आदि करकट हटा दे।
हर जगह 15 सें.मी. (6 -9 इंच) गहरा V आकार का गङ्ढा खोदे। गड्डे को साफ करने के बाद, खुरपी से एक तरफ उपर से नीचे तक 2 सेमी मोटी मिट्टी की तह को निकाल ले, फिर इसे ट्रे या साफ बाल्टी में डाल दें।
तैयार मिट्टी को हाथ से अच्छी तरह मिलाकर साफ कपडे पर डालकर गोल ढेर बना लें। अंगूली से ढेर को चार बराबर भागों में बाँध दें। अब बाकी दो हिस्सों की मिट्टी को फिर से अच्छी तरह से मिलाकर गोल बनाओ। जब तक लगभग आधा किलो मिट्टी रह जाती है, इस प्रक्रिया को दोहराया जाना चाहिए।
सूखे मिट्टी नमूने को एक साफ प्लास्टिक थैली में डाल दें, फिर इसे कपड़े की थैली में डाल दें। नमूने के साथ एक सूचना पत्रक, जिस पर पूरी जानकारी लिखी हो, एक प्लास्टिक की थैली में अंदर और कपड़े की थैली के बाहर बांध दें।
खेत की मिटटी से तैयार नमूनों को मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला भेजे वहां इसकी जांच होगी।