Published on: 07-Jan-2024
कृषकों द्वारा अपनी फसल से ज्यादा उत्पादन प्राप्त करने के लिए यूरिया का इस्तेमाल किया जाता है। यूरिया फसलों की वृद्धि के लिए काफी जरूरी है। परंतु, कुछ फसलों को इसकी आवश्यकता नहीं पड़ती है। यूरिया का उपयोग खेत में काफी मात्रा में किया जाता है। यूरिया डालने के कुछ समय के उपरांत खेत की उपज प्रभावित होने लगती है। विशेषज्ञों के मुताबिक यूरिया एक रासायनिक उर्वरक है, जो कि नाइट्रोजन का एक बड़ा स्रोत माना जाता है। यह फसलों की बढ़वार के लिए काफी आवश्यक है। लेकिन कुछ फसलों को यूरिया की आवश्यकता नहीं होती है।
यूरिया का इस्तेमाल इन फसलों में नहीं होता है
दलहन फसलें जैसे कि अरहर, चना और मटर अपनी जड़ों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण की प्रक्रिया करते हैं। इस प्रक्रिया में वे वायुमंडलीय नाइट्रोजन को अवशोषित करते हैं। साथ ही, उसे पौधे के लिए उपयोगी रूप में परिवर्तित करते हैं। इस वजह से दलहन फसलों को यूरिया की आवश्यकता नहीं होती है। रेशेदार फसलें जिनमें सन, जूट और कपास शामिल हैं। इन फसलों को भी यूरिया की जरूरत नहीं पड़ती है। इनके अतिरिक्त बैंगन, मिर्च और टमाटर यूरिया के प्रति संवेदनशील होती हैं। इन फसलों पर यूरिया का उपयोग करने से पत्तियों पर जलन हो सकती है।
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किसान भाई इन चीजों पर विश्वास कर सकते हैं
मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट से आपको पता चल सकता है, कि आपके खेत में कौन-कौन से पोषक तत्वों का अभाव है और कितनी मात्रा में कमी है। इस रिपोर्ट के आधार पर आप उर्वरक का उपयोग कर सकते हैं। साथ ही, कृषि विज्ञान केंद्रों के विशेषज्ञ फसलों के लिए उर्वरक के इस्तेमाल के बारे में सही जानकारी दे सकते हैं। साथ ही, कृषि विश्वविद्यालयों के अनुसंधानों से भी आपको उर्वरक के इस्तेमाल के बारे में सही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।