इस विधि से मशरूम की खेती से कमाएं लाखों का मुनाफा

Published on: 05-Apr-2025
Close-up of wild mushrooms growing on forest soil with textured white caps and brown spots
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मशरूम को हजारों वर्षों से भोजन और औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह पोषण से भरपूर होता है और इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। 

मशरूम में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में होते हैं, जबकि फैट की मात्रा बहुत कम होती है। पहले मशरूम का उपयोग कुछ गिने-चुने देशों तक सीमित था, लेकिन अब यह दुनियाभर में लोकप्रिय हो चुका है। 

आजकल इसे रसोई में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे किसानों को भी अच्छा लाभ मिल रहा है। यदि आप भी मशरूम की खेती कर कमाई करना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा।  

 मशरूम की खेती के लिए खेत की जरूरत नहीं  

मशरूम उगाने के लिए किसी खेत या बड़े भू-भाग की आवश्यकता नहीं होती। इसे कमरे में या बांस की झोपड़ी में भी उगाया जा सकता है। 

भारत में हर साल लगभग 1.44 लाख मीट्रिक टन मशरूम का उत्पादन किया जाता है और इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। आने वाले समय में इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अधिक उत्पादन की जरूरत होगी। 

भारत में उत्तराखंड, हरियाणा, ओडिशा, महाराष्ट्र और बिहार मिलकर देश के कुल 75% मशरूम उत्पादन में योगदान देते हैं। इनमें बिहार 10.82% उत्पादन के साथ शीर्ष स्थान पर है।  

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 मशरूम की खेती का उपयुक्त मौसम  

मशरूम उगाने के लिए विशेष प्रकार की खाद तैयार की जाती है, जिसमें गेहूं या चावल के भूसे के साथ कुछ आवश्यक रसायन मिलाए जाते हैं। 

इस खाद को तैयार होने में लगभग एक महीने का समय लगता है। बीजों की बुवाई की प्रक्रिया को ‘स्पॉनिंग’ कहा जाता है। इसके बाद, इन्हें किसी ठोस सतह पर 6-8 इंच मोटी परत के रूप में लगाया जाता है। 

खाद से बीज अच्छी तरह ढक जाते हैं और 40 से 50 दिनों के भीतर मशरूम कटाई के लिए तैयार हो जाता है। ध्यान दें कि मशरूम की खेती खुली जगह पर नहीं की जाती, बल्कि इसके लिए छायादार स्थान आवश्यक होता है। 

इसे एक कमरे या झोपड़ी में भी उगाया जा सकता है। यह व्यवसाय अत्यधिक लाभदायक है और इसे अपनाकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।  

 मशरूम की खेती में आवश्यक देखभाल  

मशरूम की खेती के लिए विशेष देखभाल की जरूरत होती है, खासकर तापमान नियंत्रण के मामले में। इसकी उपज के लिए 15-22 डिग्री सेल्सियस तापमान आदर्श माना जाता है, क्योंकि अधिक तापमान फसल को नुकसान पहुंचा सकता है।

साथ ही, 80-90% आर्द्रता बनाए रखना जरूरी होता है। उच्च गुणवत्ता वाला खाद अच्छे उत्पादन के लिए आवश्यक होता है। पुराने बीजों का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इससे फसल की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। 

ताजे मशरूम की बाजार में अधिक कीमत मिलती है, इसलिए तैयार होने के बाद इन्हें जल्द बेचने की व्यवस्था करें।  

 मशरूम की खेती के लिए आवश्यक स्थान  

यदि आप बड़े पैमाने पर मशरूम की खेती शुरू करना चाहते हैं, तो पहले उचित प्रशिक्षण लेना फायदेमंद होगा। जगह की बात करें, तो प्रति वर्ग मीटर में लगभग 10 किलो मशरूम उगाया जा सकता है। 

यदि 40x30 फीट की जगह उपलब्ध हो, तो उसमें तीन फीट चौड़े रैक बनाकर बड़े पैमाने पर मशरूम उत्पादन किया जा सकता है। इस तरीके से खेती कर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।