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तेज पत्ता की खेती कैसे की जाती है जानिए यहां

Published on: 27-Mar-2025
Updated on: 27-Mar-2025
Fresh bay leaves on a tree branch and dried bay leaves in a wooden container
फसल मसाले फसल

तेज पत्ता एक महत्वपूर्ण मसाला फसल है, जो भारतीय खाने में बहुत उपयोगी है।  यह न केवल भोजन का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि औषधीय रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।  

तेज पत्ता की मांग हर साल बनी रहती है, इसलिए यह एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है।  तेज पत्ता की खेती के बारे में इस लेख में पूरी जानकारी दी जाएगी।           

तेज पत्ता की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु

तेज पत्ता एक उष्णकटिबंधीय पौधा है और उसे गर्म और आर्द्र जलवायु चाहिए। 20-35 डिग्री सेल्सियस के तापमान में यह अच्छा विकसित होता है। 

सालाना 150 सेमी से अधिक बारिश वाले क्षेत्रों में यह अच्छी तरह से बढ़ता है। तेज धूप और ठंडी हवा इसके पौधों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

तेज पत्ता की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी

तेज पत्ता की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी (बलुई दोमट मिट्टी भी कह सकते हैं) सबसे अच्छी है।  pH मान मिट्टी में 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।  

भारी मिट्टी में जलभराव से पौधे की जड़ें सड़ सकती हैं।  मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाने के लिए गोबर खाद और जैविक खाद का प्रयोग किया जाना चाहिए।

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 तेज पत्ता की किस्में

तेज पत्ते की कई किस्में पाई जाती हैं, लेकिन मुख्य रूप से निम्नलिखित किस्में उगाई जाती हैं:

  1. भारतीय तेज पत्ता (Cinnamomum tamala)
  2. बंगाल तेज पत्ता (Cinnamomum obtusifolium)
  3. असम तेज पत्ता
  4. दक्षिण भारतीय तेज पत्ता

इनमें भारतीय तेज पत्ता सबसे अधिक सुगंधित और उच्च गुणवत्ता वाला माना जाता है।

खेत की तैयारी

तेज पत्ता की खेती के लिए खेत को अच्छी तरह से तैयार करना बहुत महत्वपूर्ण है।  सबसे पहले, खेत को हर्रो या कल्टीवेटर से जोतकर मिट्टी को भुरभुरी बना लें।  

खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें, ताकि जलभराव पौधों को नुकसान नहीं पहुंचाए।  खेत में नीम खली, सड़ी हुई गोबर की खाद और जैविक खाद डालें।  खरपतवारों को दूर करने के लिए खेत को साफ-सुथरा रखें। 

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पौधों की तैयारी

तेज पत्ते की खेती के लिए पौधे बीजों या कलमों से तैयार किए जा सकते हैं।

  1. बीज से पौधे तैयार करने के लिए, बीजों को 24 घंटे पानी में भिगोकर नर्सरी में लगाएं।
  2. कलमों से पौधे तैयार करने के लिए 15-20 सेमी लंबी टहनी काटकर छायादार जगह में रोपें।
  3. नर्सरी में 3-4 महीने बाद पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं।

पौधों की रोपाई

जब पौधे 20-30 सेमी ऊँचाई के हो जाते हैं, तो उनकी खेत में रोपाई की जाती है।

  1. खेत में 2x2 मीटर की दूरी पर गड्ढे बनाएं।
  2. प्रत्येक गड्ढे में जैविक खाद मिलाकर पौधों को लगाएं।
  3. रोपाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें।

पोषण प्रबंधन

तेज पत्ते के पौधों को स्वस्थ और हरा-भरा बनाए रखने के लिए पोषण प्रबंधन आवश्यक है।

  1. प्रति वर्ष प्रति पौधा 5-10 किलोग्राम गोबर की खाद डालें।
  2. नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की उचित मात्रा में आपूर्ति करें।
  3. जैविक खादों का प्रयोग कर मिट्टी की उर्वरता बनाए रखें।

 जल प्रबंधन

तेज पत्ता की खेती में सिंचाई का सही प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण होता है।

  1. गर्मी के मौसम में हर 7-10 दिन में सिंचाई करें।
  2. बारिश के मौसम में जल निकासी का ध्यान रखें।
  3. ड्रिप सिंचाई पद्धति अपनाने से पानी की बचत होती है।

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 कटाई

तेज पत्तों की कटाई तब की जाती है जब वे पूरी तरह से विकसित हो जाते हैं।

  1. पहले वर्ष में कटाई नहीं करनी चाहिए।
  2. दूसरे वर्ष से पत्तों की कटाई शुरू करें।
  3. परिपक्व पत्तों को सावधानीपूर्वक तोड़कर इकट्ठा करें।
  4. कटाई के बाद पत्तों को छायादार स्थान पर सुखाएं।

 उपज और भंडारण

  1. एक परिपक्व तेज पत्ता का पौधा प्रति वर्ष 2-5 किलोग्राम सूखे पत्ते प्रदान कर सकता है।
  2. पत्तों को अच्छे वेंटिलेशन वाले स्थान पर भंडारित करें।
  3. उन्हें नमी और कीटों से बचाने के लिए टिन या प्लास्टिक कंटेनर में रखें।

तेज पत्ता की खेती एक लाभदायक व्यवसाय है, जिसे किसान आसानी से अपना सकते हैं। यदि जलवायु, मिट्टी, खाद, सिंचाई और कटाई का सही ध्यान रखा जाए, तो तेज पत्ते का उत्पादन अच्छा हो सकता है। इसकी बढ़ती मांग के कारण किसान इससे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।