भारत में मिर्च की खेती व्यापक रूप से की जाती है, भारत की हर रसोई में मिर्च का उपयोग किया जाता है। मिर्ची में तीखापन एक अलकानोइड से होता है।
मिर्च पूरे देश में उगाई जाती है और हर भारतीय व्यंजन में एक महत्वपूर्ण सब्जी और मसाला है। हरी मिर्च, साबुत सूखी मिर्च, मिर्च पाउडर, मिर्च पेस्ट, मिर्च सॉस, मिर्च ओलियोरेसिन और मिश्रित करी पाउडर सब तीखे रूप हैं।
भारत में कई प्रकार की मिर्च उगाई जाती है। इस लेख में हम आपको मिर्च की उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी देंगे।
भारत में मिर्च का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता हैं, मिर्च की खेती के लिए आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती हैं, मिर्च की खेती के लिए 15 से 35 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती हैं।
भारत में मिर्च की कई किस्में पाई जाती हैं जो की अलग - अलग अनुसंधान संस्थानों द्वारा लॉन्च की गयी हैं, मिर्च की उन्नत किस्में निम्नलिखित दी गयी हैं -
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यह मिर्च की उच्च उत्पादन देने वाली F1 संकर किस्म हैं, इस किस्म की मिर्च लंबी 10 सेमी तक होते हैं। यह मिर्च की जल्दी पकने वाली किस्म है, जो प्रतिरोपण के 25 दिनों बाद 50% फूल विकसित कर लेती है।
मिर्च ये किस्म 150 से 160 दिनों तक की होती है। ये किस्म चूर्णिल आसिता व वायरस के प्रति सहनशील होती है।
इस किस्म से हरी मिर्च की उपज 7.5 टन/हेक्टेयर होती है। पौधे छोटे और झाड़ीदार होते हैं। फल 9-10 सेमी लंबे, हल्के हरे, पतले, घुमावदार और मध्यम तीखे होते हैं। यह किस्म मोज़ेक रोग के प्रति सहनशील है।
अर्का श्वेता भी मिर्च की उन्नत किस्म हैं। इस प्रकार की मिर्च की मोटाई 1.2 से 1.5 सेमी है और लंबाई लगभग 13 सेमी है। यह विषाणु रोग प्रतिरोधी किस्म है। इस किस्म से प्रति हैक्टेयर 28–30 हरी मिर्च और 4-5 टन लाल मिर्च मिल सकते हैं।
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इस किस्म/प्रजाति के पौधे सीधे होते हैं और 70 से 100 सेमी मोटे होते हैं। फल 10–12 सेमी लंबे, हल्के हरे रंग के, सीधे और 1.5–1.8 सेमी मोटे होते हैं। पहली तुड़ाई पौध रोपण के पच्चीस से पच्चीस दिनों बाद मिलती है। यह लाल और सूखे फल दोनों के लिए अच्छा है।
काशी एक सुर्ख संकर किस्म है। इस किस्म से प्रति हैक्टेयर 20 से 25 टन सूखी लाल मिर्च और 3 से 4 टन हरी मिर्च उत्पादित हो सकते हैं।