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एमपी स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन

भारतीय स्टेट बैंक दुधारू पशु खरीदने के लिए किसानों को देगा लोन

भारतीय स्टेट बैंक दुधारू पशु खरीदने के लिए किसानों को देगा लोन

भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है, लेकिन यहां दूध की खपत भी बहुत ज्यादा है, इसलिए केंद्र तथा राज्य सरकारें ज्यादा से ज्यादा दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी की कोशिश कर रही हैं, ताकि घरेलू जरुरत को पूरा करने के साथ ही दूध का निर्यात भी किया जा सके। जिससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी हो सके और भारत सरकार विदेशी मुद्रा अर्जित कर पाए। इन लक्ष्यों को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार भी प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रयासरत है, जिसके लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश शासन ने पिछले कुछ वर्षों में मध्य प्रदेश स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के अंतर्गत कई नई दूध डेयरी खोली हैं तथा दूध के प्रोसेसिंग के लिए नए प्लांट लगाए हैं। इसके साथ ही अब मध्य प्रदेश स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन ने दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए एक नया रास्ता अपनाया है। इसके लिए मध्य प्रदेश स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन ने भारतीय स्टेट बैंक के साथ एक एमओयू (MOU) साइन किया है, जिसके अंतर्गत भारतीय स्टेट बैंक किसानों को दुधारू पशु खरीदने के लिए लोन उपलब्ध करवाएगा। एमओयू में शामिल किये गए अनुबंधों के अनुसार, अब दुग्ध संघों की वार्षिक सभाओं में भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारी मौजूद रहेंगे तथा किसानों को दुधारू पशु खरीदने के लिए लोन दिलाने में सहायता करेंगे।

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मध्य प्रदेश स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के प्रबंध संचालक तरूण राठी ने बताया कि दुग्ध संघ के कार्यक्षेत्र में जो भी समितियां आती हैं, उनके पात्र सदस्यों को त्रि-पक्षीय अनुबंध के तहत दुधारू पशु खरीदने में मदद की जाएगी। पात्र समिति सदस्य या किसान 2 से लेकर 8 पशु तक खरीद सकता है। इसके लिए प्रत्येक जिले में भारतीय स्टेट बैंक की चयनित शाखाएं लोन उपलब्ध करवाएंगी।

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लोन लेने वाले किसान को प्रारंभिक रूप में 10 प्रतिशत रूपये मार्जिन मनी (Margin Money) के रूप में जमा करना होगा। उसके बाद 10 लाख रुपये तक का लोन बिना कुछ गिरवी रखे उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके साथ ही किसान को 1 लाख 60 हजार रुपए का नान मुद्रा लोन बिना कुछ गिरवी रखे, त्रि-पक्षीय अनुबंध के तहत दिलवाया जाएगा।

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जिस किसान या पशुपालक ने पशु खरीदने के लिए लोन लिया है, उसे यह रकम 36 किस्तों में बैंक को वापस करनी होगी। लोन लेने वाले किसान को समिति में दूध देना अनिवार्य होगा। जिसके बाद समिति प्रति माह दूध की कुल राशि का 30 प्रतिशत, लोन देने के लिए बैंक को भुगतान करेगी। बाकी 70 प्रतिशत किसान को दे देगी। लोन लेने के लिए पात्र किसान को दुग्ध संघ द्वारा जारी किये गए निर्धारित प्रोफार्मा में आवेदन के साथ फोटो, वोटर आईडी, पेनकार्ड, आधार कार्ड, दुग्ध समिति की सक्रिय सदस्यता का प्रमाण पत्र तथा त्रि-पक्षीय अनुबंध (संबंधित बैंक शाखा, समिति एवं समिति सदस्य के मध्य) आदि दस्तावेज संलग्न करने होंगे। जिसके बाद उन्हें दुधारू पशु खरीदने के लिए लोन उपलब्ध करवाया जाएगा।
जाने किस व्यवसाय के लिए मध्य प्रदेश सरकार दे रही है 10 लाख तक का लोन

जाने किस व्यवसाय के लिए मध्य प्रदेश सरकार दे रही है 10 लाख तक का लोन

हमारे देश में दूध की बहुत मांग है। अलग अलग तरह के डेयरी प्रोडक्ट्स भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। दूध को प्रोटीन और कैल्शियम का एक अच्छा सोर्स मानते हैं। इसी डिमांड का नतीजा है, कि आजकल बहुत सी जगह किसानों ने खेती के साथ-साथ पशुपालन का व्यवसाय अपनाना शुरू कर दिया है। इस काम में किसान इसलिए लगे हुए हैं। क्योंकि पशुपालन-डेयरी फार्मिंग से अतिरिक्त आमदनी हो ही जाती है। खेत के लिए खाद का इंतजाम भी हो जाता है। अब सरकार भी किसानों को इस काम में आर्थिक और तकनीकी सहयोग दे रही है। बहुत ही राज्य सरकार किसानों को इस व्यवसाय से जुड़ने के लिए जागरूक कर रही है। इसी पहल में मध्य प्रदेश सरकार भी आगे आई है। सरकार ने अपने राज्य में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए ऐसे किसानों को ₹1000000 लोन देने की एक स्कीम निकाली है। जो पशुपालन भी करते हैं, किसान बहुत ही आसान प्रक्रिया अपनाते हुए इस स्कीम के तहत लाभ उठा सकते हैं।

क्या है ये योजना

कुछ समय पहले ही मध्य प्रदेश राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ एक एमओयू (EOU) साइन किया है। इस एमओयू (EOU) का मकसद राज्य में दूध के उत्पादन को बढ़ाना है। सरकार ने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए ही राज्य के किसानों और पशुपालकों को किसी भी तरह का दुधारू पशु खरीदने के लिए 1000000 रुपए तक की लोन राशि देने की बात की है। पशुपालकों को यह लोन राशि देते समय सरकार किसी भी तरह की गारंटी नहीं मांग रही है। योजना के आधार पर समझ आता है, कि इस स्कीम से छोटे और मझोले किसानों को भी काफी लाभ होगा। ज्यादातर छोटे किसान साथ में पशुपालन करना चाहते हैं। क्योंकि उनकी खेती की जमीन उतनी ज्यादा नहीं होती है, कि वह उससे बहुत ज्यादा मुनाफा कमा सकें। साथ ही, धनराशि के अभाव में वह कुछ नया भी नहीं कर पाते हैं और इस आर्थिक रेस में बहुत पीछे रह जाते हैं। ऐसे ही किसानों को आर्थिक बल देने के लिए और राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।

कैसे कर सकते हैं लोन का भुगतान

एमपी स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बीच हुए इस एमओयू के अनुसार, किसान और पशुपालकों को 2 मवेशियों से लेकर, 4, 6 और 8 की संख्या में मवेशी खरीदने की छूट दी जाएगी। जिसके लिए वो अपने जिले में चिन्हित 3 से 4 बैंक की शाखाओं में लोन के लिए आवेदन कर पाएंगे। इस स्कीम के तहत दस लाख तक का मुद्रा लोन और ₹60000 तक का लोन मुद्रा लोन किसानों को दिया जाएगा। किसान इस मुद्रा की वदल में 10% तक की मार्जिन मनी जमा करवाते हैं। अच्छी बात यह है, कि लोन की रकम को चुकाने के लिए कैसा भी दवाब नहीं होगा। बल्कि किसान चाहें तो 36 किस्तों में लोन की रकम का भुगतान कर सकते हैं।

किन-किन चीजों के लिए मिलता है लोन

वैसे तो देश में पशुपालन और डेयरी फार्मिंग के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिससे किसानों और पशुपालकों को आर्थिक संबल मिला है। इन सबके अलावा भी सरकार द्वारा कई तरह की अन्य व्यवसाई योजनाओं के लिए फंड जारी किया जाता है। कई योजनाओं में आवेदन करने पर केंद्रीय पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी मंत्रालय से फंड जारी होता है। तो कुछ परियोजनाओं में नाबार्ड का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहयोग मिलता है।
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इस कड़ी में अब एमपी स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के साथ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भी आगे आया है। एसबीआई की ओर से मिल्क कलेक्शन यूनिट के निर्माण से लेकर ऑटोमैटिक मिल्किंग मशीन, मिल्क कलेक्शन सिस्टम, मिल्क ट्रांसपोर्ट वैन आदि के लिए भी लोन दिया जाता है। इस तरह के लोन में हमेशा ही लोन की ब्याज दर भी नियम और शर्तों के आधार पर ही निर्धारित की जाती है। यह दरें ज्यादातर 10% से लेकर 24% तक होती हैं। इन योजनाओं में आवेदन करने के लिए अपने जिले के पशुपालन विज्ञान, कृषि विज्ञान केंद्र या पशु चिकित्सालय में भी संपर्क कर सकते हैं।